खैरागढ़. छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ के एक दर्दनाक तस्वीर सामने आई है. ये तस्वीर जिले के स्वास्थ्य सुविधा की बदहाली की है. यहां एक बुजुर्ग पति बीमारी पत्नी को एंबुलेंस के अभाव में बैलगाड़ी पर बैठाकर अस्पताल पहुंचा. पति ने बताया कि पत्नी की तबियत बहुत खराब थी. उसे टायफाइड और पीलिया की शिकायत थी. जब कोई और साधन नहीं मिला तो हम बैलगाड़ी में बैठकर अस्पताल पहुंच गए. वहां पहुंचकर डॉक्टरों ने पत्नी का इलाज किया. पति ने जिला प्रशासन से जरूरतमंद बीमार लोगों के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था करने की अपील की. प्रशासन का कहना है कि जाते वक्त दंपति को एंबुलेंस देने की बात कही गई, लेकिन दंपति ने मना कर दिया.
गौरतलब है कि, यह मामला बाजार अतरिया के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का है. हीरादास कोठले रगरा गांव में रहते हैं. उनकी पत्नी झिलमत कोठले की तबियत बहुत खराब है. वे पत्नी को उसी हालत में बैलगाड़ी में लेकर रगरा गांव से बाजार अतरिया के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे. उनके साथ हुई ये घटना स्थानीय लोगों में यह घटना चर्चा का विषय बनी हुई है. लोगों में शासन-प्रशासन की कार्यशैली पर गहरा आक्रोश है. क्षेत्र के ग्रामीण और स्वास्थ्य केंद्र के कर्मचारी लंबे समय से एंबुलेंस की मांग कर रहे हैं. लेकिन, विभागीय उदासीनता और जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता के चलते अब तक यह उपलब्ध नहीं हो सकी है.
पीड़ित ग्रामीण हीरादास कोठले ने कहा, ‘मेरी पत्नी की तबियत अचानक खराब हो गई थी. उसे शरीर में दर्द था, बुखार था. वह हिल-डुल भी नहीं पा रही थी. ऐसी परिस्थिति में मैं उसे बैलगाड़ी पर बैठाकर स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा. यहां डॉक्टरों ने जांच के बाद बताया कि पत्नी को पीलिया है. उन्होंने पूरी जांच के बाद उसे दवाएं दे दीं. इसके बाद हम बैलगाड़ी से ही घर आ गए.’ वहीं, खैरागढ़ के बीएमओ विवेक बिसेन ने कहा कि मामला जानकारी में आया है. लौटते वक्त बुजुर्गों को कहा गया कि एंबुलेंस मिल जाएगी. लेकिन, उन्होंने खुद ही मना कर दिया.