जागेश्वर l जागेश्वर से दो किलोमीटर दूर स्थित ऐतिहासिक एरावत गुफा का कायाकल्प जल्द ही किया जाएगा। पुरातत्व विभाग, प्रशासन और जागेश्वर मंदिर समिति की संयुक्त टीम ने गुफा का निरीक्षण किया। इस दौरान गुफा के संरक्षण और विकास कार्यों की योजनाएं बनाई गईं।
श्रद्धालुओं और सैलानियों के लिए बनेगी आकर्षण का केंद्र ——-
गुफा के कायाकल्प के तहत विभिन्न कार्य किए जाएंगे, जिससे यह स्थान श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए और भी आकर्षक बनेगा। क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी डॉ. चंद्र सिंह चौहान ने बताया कि गुफा की ऐतिहासिक और धार्मिक महत्ता को ध्यान में रखते हुए इसकी संरचना को संरक्षित और संवारा जाएगा।
एरावत गुफा का महत्व—–
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, यह गुफा देवराज इंद्र के हाथी एरावत से संबंधित है। कहा जाता है कि यहां पहुंचकर एरावत ने पाषाण रूप धारण कर लिया था। गुफा की बनावट एक विशाल हाथी के आकार की प्रतीत होती है।