देश – विदेश l राष्ट्रपति की कुर्सी पर काबिज होते ही डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने चीन को पनामा (Panama), विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), पेरिस समझौता (Paris Agreement) और टिकटॉक (Tiktok) के रूप में 4 चोट दी हैं. ये ऐसी चोट हैं, जिनका असर चीन (China) को भविष्य में दिखाई देगा. डोनाल्ड ट्रंप अब अमेरिका के नए राष्ट्रपति बन चुके हैं. राष्ट्रपति चुनाव में शानदार जीत हासिल करने के बाद ट्रंप अमेरिका की कमान संभाल चुके हैं. सोमवार को पेरिस जलवायु समझौते से अमेरिका के बाहर निकलने के अपने फैसले का बचाव करते हुए चीन को जिम्मेदार ठहराया राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald) ने , पहले कार्यकाल 2017 में इसके लिए भारत को दोष दिया था.
वैश्विक स्वास्थ्य एजेंसी ने COVID-19 महामारी और अन्य अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य संकटों को ठीक से नहीं संभाला है. उन्होंने आगे कहा कि डब्ल्यूएचओ स्वतंत्र रूप से कार्य करने में सफल नहीं हुआ है और वो अमेरिका से अनुचित रूप से भारी भुगतान की मांग कर रहा है, जबकि चीन से बेहद कम राशि की मांग कर रहा है. अमेरिका WHO को फंड देने वाले सबसे प्रमुख देशों में से एक है. अमेरिका के इस संगठन से बाहर निकलने से WHO की फंडिंग में बड़ी कमी आ सकती है.

सोमवार को पेरिस जलवायु समझौते (Paris Agreement) से अमेरिका के बाहर निकलने के अपने फैसले का बचाव करते हुए चीन को जिम्मेदार ठहराया. इससे पहले उन्होंने पहले कार्यकाल 2017 में इसके लिए भारत को दोष दिया था. डोनाल्ड ट्रंप ने स्पोर्टिंग एरिना में समर्थकों से कहा, “मैं अन्यायपूर्ण, एकतरफा पेरिस जलवायु समझौते से तत्काल हट रहा हूं, क्योंकि जब चीन बिना किसी रोक-टोक के प्रदूषण फैला रहा है, तो अमेरिका अपने उद्योगों को नुकसान नहीं पहुंचाएगा.” ट्रंप ने आगे कहा, “आप जानते हैं चीन बहुत सारी गंदी ऊर्जा का उपयोग करता है, लेकिन वे बहुत सारी ऊर्जा का उत्पादन करते हैं. जब यह हवा में जाता है, तो यह चीन में नहीं रहता, यह हवा के साथ अन्य देशों में भी पहुंचता है, जैसे कि अमेरिका. इसलिए, जब हम स्वच्छ हवा की बात करते हैं, तो हमें यह भी सोचना चाहिए कि अन्य देशों से आने वाली प्रदूषित हवा का क्या होगा. जब तक सभी देश स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग नहीं करते, तब तक स्वच्छ हवा की बात करना व्यर्थ है.”