मध्यप्रदेश l मध्यप्रदेश में नर्मदा संरक्षण संभावना यात्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट मिशन लाइफ को साकार करने का बीड़ा उठाया है। यह केवल आस्था का प्रतीक नहीं, बल्कि पर्यावरणीय संतुलन और आर्थिक समृद्धि का मार्ग भी प्रशस्त कर रही है। नर्मदा नदी के संरक्षण के लिए निकाली गई इस यात्रा ने एक नई मिसाल कायम की है।

मध्यप्रदेश में नर्मदा संरक्षण संभावना यात्रा के जरिए न केवल नर्मदा नदी के संरक्षण पर जोर दिया जा रहा है, बल्कि पर्यावरण प्रेमी गौरीशंकर मुकाती के नेतृत्व में इस अभियान को अंतरराष्ट्रीय पहचान भी मिली है। साऊथ कोरिया, अमेरिका, और सिंगापुर की भागीदारी ने इस पहल को वैश्विक स्तर पर सराहा है।किसानों के खेतों की मेड़ों पर डेढ़ करोड़ से अधिक पौधों का रोपण हुआ है। इससे किसानों को आर्थिक समृद्धि का नया मार्ग मिला है, साथ ही यह कार्बन क्रेडिट के माध्यम से प्रदेश को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दिला रहा है।

यह केवल आस्था का विषय नहीं है। नदियों के संरक्षण को रोजगार और आजीविका से जोड़ना होगा, तभी लोग इस मुहिम को आत्मसात करेंगे। यह यात्रा पर्यावरणीय जागरूकता के साथ-साथ आर्थिक और सामाजिक बदलाव का भी संदेश देती है। इस यात्रा में किसान, पर्वतारोही और आम जन शामिल हैं। गाँव-गाँव में माँ नर्मदा के प्रति आस्था और संरक्षण पर जोर दिया जा रहा है।
नर्मदा संरक्षण संभावना यात्रा केवल एक यात्रा नहीं है, बल्कि यह भविष्य के लिए एक मजबूत नींव है। 18 जिलों में 50 करोड़ पौधों का रोपण सिर्फ पर्यावरणीय प्रयास नहीं, बल्कि आर्थिक क्रांति का संदेश भी है।
नर्मदा संरक्षण: आस्था से रोजगार की ओर
पर्यावरण बचाओ, भविष्य संवारो अभियान
50 करोड़ पौधे, 18 जिलों का लक्ष्य
नदी बचाओ, अर्थव्यवस्था को सुधारो
नर्मदा परिक्रमा से संरक्षण का संदेश
किसानों के खेतों में हरियाली की क्रांति
कार्बन क्रेडिट से प्रदेश को नई पहचान
पर्यावरणीय बदलाव का नया अध्याय शुरू
रोजगार से जुड़ी नदी संरक्षण की मुहिम
आस्था, रोजगार और पर्यावरण का संगम
आस्था से आगे, संरक्षण का संकल्प
हर पौधे में छिपा आर्थिक विकास
नर्मदा परिक्रमा: बदलाव की धारा
प्रकृति बचाओ, समाज समृद्ध बनाओ
नर्मदा संरक्षण: आस्था और रोजगार का मेल
