कोरबा l कोल डस्ट को लेकर नौ सूत्रीय मांग पत्र छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल कोरबा को दिया गया ज्ञापन
ग्रामीणों के जीवन के साथ खिलवाड़ को बर्दाश्त नहीं करेंगे, होगा उग्र आंदोलन:-
साउथ ईस्ट कोलफील्ड लिमिटेड एसईसीएल दीपका क्षेत्र के बसाहट ग्राम सिरकी खुर्द के ग्रामीणों ने उपसरपंच कमलेश्वरी दिव्या और ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति के दीपका इकाई अध्यक्ष प्रकाश कोर्राम के साथ कोरबा जिला के छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल के क्षेत्रीय अधिकारी को एसईसीएल दीपका के कोयला खदानों से निकलने वाली कोयला गाड़ियों के कारण सिरकी खुर्द के साथ क्षेत्र में कोल डस्ट धूल के कण से होने वाले प्रदूषण से मुक्त करने नौ सूत्रीय मांग पत्र पर्यावरण अधिकारी को ज्ञापन दिये हैं और ज्ञापन में कहा गया है कि प्रबंधन के लापरवाह अधिकारियों पर तत्काल कार्यवाही करते हुए जहर से भरी कोल डस्ट से प्रदूषणमुक्त करने की मांग की है ।

गौरवतलब है कि एसईसीएल दीपका परियोजना के प्रबंधन सहित अधिकारियों के द्वारा विस्तार के लिए हर हथकंडे अपना अपनाई जा रही है जिससे कि वर्ष के मिलियन टन के टारगेट को पूरा करते हुए कोयले के प्रोडक्शन में रुकावट ना हो टारगेट पूरा करने को लेकर प्रबंधन प्रशासन की मदद से कुछ ग्रामों को विलोपित भी कर डाले और गांव के देव स्थल सहित ग्राम के ग्रामीणों के बीच में मतभेद पैदा कर सीआईएसएफ जवानों को ग्राम में फ्लैग मार्च करवा के दहशत बनाकर जबरन के गांव को खाली करवाया जा रहा है ग्रामीणों की मुआवजा रोजगार सहित पुनर्वास की व्यवस्था पर प्रबंधन के द्वारा एक पैसा का ध्यान नहीं दे रही है ग्रामीणों की समस्या आज भी यथावत है और अपने अधिकार को पाने के लिए संघर्षरत हैं ।
सिरकी खुर्द ग्राम के नवनिर्वाचित उप सरपंच कमलेश्वरी दिव्या ने बताया कि दीपका के कोयला खदानों से कोयला गाड़ियों का प्रतिदिन हजारों की तादाद में श्रमिक चौक दीपका से गांधीनगर बतारी मार्ग होते हुए अपने गंतव्य स्थान रोजाना कोयला गाड़ियों का निकलता है कोल डस्ट के लिए अधिनियमों का दीपका प्रबंधन के द्वारा खुला उल्लंघन करते हुए पालन नहीं किया जा रहा है दीपका प्रबंधन से कोल डस्ट प्रदूषण से संबंधित लिखित व मौखिक शिकायत कई बार किया जा चुका है लेकिन प्रबंधन ग्रामीणों के जीवन साथ खिलवाड़ कर रही है डस्ट के कारण कई प्रकार के गंभीर बीमारियों से गांव के ग्रामीण बच्चे और महिलाए जूझ रहे हैं ।
प्रमुख मांगे:-
01 श्रमिक चौक से सिरकी मोड़ तक की सड़कों एवं नालियों से कोल डस्ट हटाकर सफाई कराई जाए ।
02 सड़क किनारे लगे सभी वाटर स्प्रिंकलरो की मरम्मत एवं सुचारू संचालन सुनिश्चित किया जाए ताकि नियमित पानी का छिड़काव हो सके ।
03 डिवाइडर की मरम्मत कार्यवाही एवं श्रमिक चौक से सिरकी मोड़ तक की सड़क को कंक्रीट से पक्का किया जाए ताकि कोल डस्ट की समस्या से स्थायी रूप से हल हो सके ।
04 कोयला साइडिंग में होने वाले वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा बनाए गए “पर्यावरण प्रबंधन योजना” के सभी नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाए ।
05 स्प्रिंकलर नियमित पानी छिड़काव वाइट विंड ब्रेकर एवं पर्यावरण प्रबंधन योजना के तहत सीडिंग के आसपास वृक्षारोपण किया जाए ।
06 रेलवे साइडिंग हेतु राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से आवश्यक पूर्ण सम्मति (Consent) सुनिश्चित की जाए ।
07 CHP (Coal Handling Plant) से होने वाली वायु प्रदूषण को रोकने के लिए धूल नियंत्रण प्रणाली वाटर स्प्रे सिस्टम इलेक्ट्रोस्टेटिक प्रेसिपिटेटर्स (ESP) बैग फिल्टर का सही उपयोग किया जाए एवं कोयले के भंडारण को ढककर रखा जाए ।
08 कोयले के परिवहन के दौरान ढक्कन युक्त वाहन (Covered Trucks) का उपयोग अनिवार्य किया जाए ।
09 गंभीर प्रदूषित क्षेत्र होने के कारण EPS 1986 की धारा 3(2)(v) के तहत पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) द्वारा इस क्षेत्र की विशेष जांच करवाई जाए एवं आवश्यक दिशानिर्देश जारी किया जाए ।
खतरनाक स्तर पर पहुंचा प्रदूषण
कुछ दिन पहले डस्ट को लेकर सर्वे किया गया सर्वे में दीपका में पीएम 2.5 का स्तर 374 और पीएम 10 का स्तर 411 को पार कर गया, जो वायु गुणवत्ता के लिहाज से ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है जैसे ही शाम हुई, पूरा क्षेत्र धुंध और धूल की चादर में समा गया लोगों को आंखों में जलन, गले में खराश और सांस लेने में तकलीफ की शिकायतें होने लगीं केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, पिछले कुछ दिनों से इस क्षेत्र की हवा की गुणवत्ता लगातार गिर रही है, जिससे स्थानीय निवासियों की सेहत पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है ।
ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति के दीपका अध्यक्ष प्रकाश कोर्राम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लोगों के जीवन के साथ दीपका के अधिकारी खिलवाड़ कर रही है हमारे संगठन इसे बर्दाश्त नहीं करेगी कोल डस्ट प्रदूषण धूल के कण से गांव के ग्रामीण जहर पीने को मजबूर है कितने लापरवाह हो गए हैं दीपका प्रबंधन और उनके अधिकारी सिर्फ अपनी कोयला खदान के विस्तार को महत्व दिया जा रहा है प्रदूषण से ग्राम सिरकी खुर्द सहित क्षेत्र घिरा रहता है पर्यावरण अधिनियम के कानून का प्रबंधन और उनके अधिकारी पालन नहीं कर रहे हैं इस तरह का रवैया को सुधार नहीं होगा तो संगठन के बैनर तले उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे ।