उत्तराखंड l जंगलों को वनाग्नि से बचने के लिए राजकीय इंटर कॉलेज रैंगल में चतुर्थ औंण दिवस समारोह मनाया गया। इस अवसर पर जल स्रोतों, पर्यावरण संरक्षण एवं जैव विविधता की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए वनाग्नि नियंत्रण पर जनसहभागिता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम के दौरान विशेषज्ञों ने जंगलों को आग से बचाने के लिए प्रभावी वनाग्नि प्रबंधन उपायों पर चर्चा की। भविष्य में आग से बचाव हेतु विभिन्न रणनीतियों पर विचार-विमर्श किया गया। शीतलाखेत क्षेत्र से करीब डेढ़ दर्जन गांवों की महिलाओं ने इस कार्यक्रम में भाग लिया।

उनके योगदान को सराहते हुए बेहतर प्रबंधन के लिए महिलाओं को सम्मानित किया गया। साथ ही, ग्रामीणों को जागरूक करते हुए अपील की गई कि वे अपने खेतों में कूड़ा या पराली को 31 मार्च से पहले ही जलाये। विशेषज्ञों ने बताया कि एक अप्रैल के बाद बढ़ते तापमान के कारण खेतों में जलाया गया कूड़ा जंगलों में आग लगने का मुख्य कारण बन सकता है।
