अमेरिका में चीनी छात्रों के लिए कठिनाइयाँ बढ़ रही हैं। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शासनकाल में वीसा रद्द होने और विश्वविद्यालयों में फंडिंग में कटौती के कारण चीनी छात्रों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ा। अमेरिकी सरकार के चीन के खिलाफ उठाए गए कदमों, जैसे वीजा रद्दीकरण और राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं का हवाला देकर छात्रों को खतरों का सामना करना पड़ा है।

पिछले साल भारत ने अमेरिका में सबसे बड़ी अंतर्राष्ट्रीय छात्र संख्या के मामले में चीन को पीछे छोड़ दिया। 2023 में, चीनी छात्रों का अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर 14.3 बिलियन डॉलर का असर पड़ा था। हालांकि, चीन के छात्रों को अब राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे के रूप में देखा जा रहा है, जिसके कारण विश्वविद्यालयों में उनके लिए प्रस्तावित कानूनों में बदलाव की बात की जा रही है।
इन परिस्थितियों के चलते, कई चीनी छात्र अब अपने ‘अमेरिकी सपने’ को फिर से विचार कर रहे हैं और यूरोप और एशिया के देशों में शिक्षा के अवसरों की तलाश कर रहे हैं। इटली के बोक्कोनी विश्वविद्यालय जैसे संस्थान अब चीनी छात्रों से बढ़ती हुई पूछताछ देख रहे हैं।