पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से ही भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है. हालात जंग जैसे हो रहे हैं और यह आशंका जताई जा रही है कि भारत पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा. लेकिन, इन तनावपूर्ण हालातों के बावजूद भी आज भारतीय शेयर बाजार में जोरदार तेजी देखी जा रही है. स्टॉक मार्केट में आई तेजी के पीछे विदेशी संस्थागत निवेशकों की भारतीय शेयरों की जोरदार खरीदारी का हाथ है. पिछले आठ कारोबारी सत्रों से एफआईआई भारतीय इक्विटी में जमकर पैसे लगा रहे हैं. बीते आठ सत्रों में एफआईआई ने ₹32,465 करोड़ के भारतीय शेयर खरीदे हैं.

15 अप्रैल से भारतीय इक्विटी की खरीदारी शुरू की. 15 अप्रैल को 6,065.78 करोड़ रुपये भारतीय इक्विटी में लगाए. 16 अप्रैल को 3,936.42 करोड़, 17 अप्रैल को 4,667.94, 21 अप्रैल को 1,970.17 और 22 अप्रैल को 1,290.43 करोड़ रुपये मूल्य के भारतीय शेयर विदेशी संस्थागत निवेशकों ने खरीदे. 23 अप्रैल को एफआईआई ने 3,332.93 करोड़ रुपये, 24 अप्रैल को 8,250.53 करोड़ रुपये तो 25 अप्रैल को ₹2,952 करोड़ भारतीय इक्विटी में लगाए.
मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटजिस्ट वीके विजयकुमार का कहना है कि अमेरिकी शेयर बाजारों में तेजी तथा बॉन्ड्स और डॉलर में कमजोरी आने के कारण विदेशी संस्थागत निवेशकों ने अपनी रणनीति बदलकर भारतीय बाजारों में जबरदस्त खरीदारी शुरू कर दी है.
द फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के वेल्थ मैनेजमेंट रिसर्च प्रमुख सिद्धार्थ खेमका का कहना है कि अमेरिका और चीन के बीच ‘रेसिप्रोकल टैरिफ’ की स्थिति में बदलाव आया है, जिसका सीधा फायदा भारत को मिल रहा है. भारत अब अन्य एशियाई देशों की तुलना में कम शुल्क वाला देश और भरोसेमंद साझेदार के रूप में देखा जा रहा है. पिछले कुछ महीनों में बाज़ार में जो गिरावट आई थी, उससे भारतीय बाजार का वैल्यूएशन आकर्षक बन गया है. इसलिए एफआईआई यहां पैसा लगा रहे हैं.