बलरामपुर l बलरामपुर जिले एक बार फिर से रेट माफिया सक्रिय हो गए दरमियानी को सनावल थाना क्षेत्र के लिबरा गांव में रेत तस्करों ने ट्रैक्टर चढ़ा कर एक पुलिसकर्मी को कुचल दिया है। इस घटना के बाद से पूरे इलाके में हड़कंप मचा हुआ है, हालांकि जिले के बाल अधिकारी मौके पर पहुंचे पूरे मामले का मुआयना किया और अज्ञात आरोपियों की तलाश में पुलिस जुट गई है।

दरअसल यह गांव छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री राम विचार नेताम का गृह इलाका माना जाता है। झारखंड की सीमा से लगा हुआ यह गांव नदी के कारण दो राज्यों में विभाजित हो जाता है। काफी सालों से यहां रेत की अवैध तस्करी की जाती है। लेकिन आज तक प्रशासन की ओर से इस मामले में कभी भी कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की गई है।

ग्रामीणों की शिकायत के बाद जब पुलिस की टीम बीती रात रेत तस्करी को रोकने के लिए पहुंची तो एक पुलिसकर्मी की बड़ी बेरहमी से हत्या कर दी गई है। मृतक पुलिसकर्मी का नाम शिव भजन सिंह है और उसकी पोस्टिंग सनावल थाने में थी
बता दें दरमियानी रात को रेत की तस्करी को रोकने के लिए चार पुलिसकर्मी मौके के लिए रवाना हुए थे ऐसे में यहां क्या स्थिति बनी कि तस्करों ने एक पुलिसकर्मी की गाड़ी चढ़ा कर हत्या कर दिया वही बाकी पुलिसकर्मी किसी तरह जान बचाकर भागे। स्थानीय लोगों ने बताया कि बलरामपुर जिले के कनहर सहित अन्य नदियों से लगातार रेत की तस्करी की जा रही है और तस्करों के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि अब वह प्रशासन के ऊपर भी हमला करने लगे हैं। सभी लोग इस मामले में कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
पूरे मामले को लेकर ग्रामीणों ने बताया कि शनिवार को मौके पर पहुंचे थे जहां बालू खनन का काम चल रहा था तीन गाड़ियों को ग्रामीणों ने पड़कर पुलिस वालों को सुपुर्द कर दिया जिसे पुलिस वाले थाना लेकर आए और रात भर रखने के बाद रविवार को ऐसा क्या स्थिति निर्मित हुई की थानेदार साहब को गाड़ियां छोड़ना पड़ा.
वहीं अगले दिन ग्रामीणों के दबाव के बाद पुलिस देर रात रेत माफियाओं को रोकने के लिए पहुंची हुई थी जहां अरे माफिया ने पुलिस वालों को ही अपना निशाना बनाया और एक आरक्षक के ऊपर ट्रैक्टर से कुचल दिया जिससे मौके पर आरक्षक की मौत हो गई पर बड़ा सवाल यह है कि आखिर इस संवेदनशील जगह पर बगैर पर्याप्त दलबल के थाना प्रभारी क्यों गए यह सवाल सवाल उठना लाजमी है वहीं दूसरी और सपा ने बताया कि मामले पर तत्काल कार्रवाई करते हुए क्वेश्चन लिख दो को बैठाया गया है और जल्द मामले पर आरोपियों की तलाश कर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
वहीं पूरे मामले को लेकर स्थानीय लोगों में खास रोज देखने को मिल रहा है साथ ही लोग अल्टीमेटम दे रहे हैं कि अगर स्थिति ऐसे ही बनी रही तो फिर उग्र आंदोलन करेंगे फिलहाल जिले में रेत एक बहुत बड़ा मुद्दा है और हर बार इस पर राजनीति होती रही है लेकिन कभी भी बड़ी कार्रवाई नहीं होने के कारण तस्करों के हौसले इतने बुलंद हैं कि अब वह पुलिस और प्रशासन पर ही चढ़ाई करने लगे हैं। बहरहाल देखने वाली बात होगी कि एक पुलिसकर्मी की ड्यूटी के दौरान रेत तस्करों को रोकने के दौरान हुई मौत से क्या इसमें लगाम लग पाएगा।