तुर्की को जनता और कारोबारी दोनों के ही गुस्से का शिकार होना पड़ रहा है. सोशल मीडिया और जनता में इस बात को लेकर भी काफी गुस्सा रहा कि भारत से युद्ध में पाकिस्तान ने तुर्की के हथियारों का जमकर इस्तेमाल किया. इसके साथ ही तुर्की से कारोबार बंद करने और उसके सामानों के बहिष्कार की मांग भी देशभर से उठनी शुरू हो गई है. ऐसे में यह सवाल सभी के मन में उठता है कि आखिर हमारा तुर्की के साथ कितना बड़ा कारोबार है. दोनों देश एक-दूसरे से क्या खरीदते और बेचते हैं.
भारत सरकार के ट्रेड डाटा को खंगालने से पता चलता है कि भारत और तुर्की एक दूसरे से कई जरूरी सामान खरीदते हैं. सबसे चौंकाने वाली बात तो यह है कि पाकिस्तान ही नहीं, भारत भी तुर्की से हथियारों की खरीद करता है. इसके अलावा दोनों देश केमिकल, इलेक्ट्रॉनिक सामान और कपड़ों का भी आयात-निर्यात करते हैं. तुर्की के पर्यटन में भी भारत की हिस्सेदारी लगातार बढ़ रही है. साल 2024 में तुर्की जाने वाले पर्यटकों में दूसरी सबसे ज्यादा हिस्सेदारी भारतीयों की रही है.

संयुक्त राष्ट्र की कॉट्रेड रिपोर्ट देखें तो पता चलता है कि तुर्की से भारत हथियारों के साथ डिफेंस एसेसरीज सहित अन्य पार्ट भी खरीदता है. साल 2024 में भारत ने करीब 30 करोड़ रुपये के हथियार और पार्ट्स तुर्की से खरीदे थे. इन हथियारों में बम, ग्रेनेड, टॉरपीडो, माइंस, मिसाइल, हथियारों के लिए स्प्रिंग, एयर और गैस गन, पिस्टल, ट्रंकीनोज, रिवॉल्वर, फायर आर्म जैसे छोटे सामान और एसेसरीज शामिल हैं.