अंकिता भंडारी, एक 19 वर्षीय युवती, जो अपनी मेहनत से जीवन संवार रही थी, विलासिता, सत्ता और पितृसत्ता की साजिश का शिकार बन गई।

और अब, दो साल आठ महीने की लंबी लड़ाई के बाद, अदालत ने आखिरकार फैसला सुना दिया। कोटद्वार की अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को दोषी करार दिया है।
सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने 47 गवाह, SIT ने 500 पन्नों की चार्जशीट और देशभर के लोगों ने हजारों पोस्टर और कैंडल मार्च से यह यकीन दिलाने की कोशिश की कि अंकिता को भुलाया नहीं जाएगा।