बलरामपुर l क्या कोई आठवीं पास व्यक्ति डॉक्टर बन सकता है लोगों का इलाज कर सकता है नहीं ना लेकिन बलरामपुर जिले में पिछले 12 सालों से एक शख्स घूम-घूम कर लोगों का इलाज कर रहा था और खूब पैसे कमा रहा था। ग्रामीणों की शिकायत पर पुलिस की टीम ने इलाज करते हुए उसे गिरफ्तार किया है और अब उसके खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दिया है।

पुलिस के सामने खड़ा यही है वह डॉक्टर जिसका नाम है तारक चौधरी और उसने कोलकाता में आठवीं तक की पढ़ाई की है। लगभग 12 साल पहले वह इस इलाके में आया है और तभी से घूम घूम कर झोलाछाप डॉक्टर बन कर लोगों का इलाज कर रहा है। मीडिया के सामने वह खुद कबूल रहा है कि लोगों का इलाज वह करता है इंजेक्शन लगाने का काम और बोतल चढ़ाने का काम वह करता है। इसके लिए उसके पास कोई लाइसेंस नहीं है लेकिन जब मिडिया ने उससे पूछा तो वह कहता है कि लाइसेंस का अप्लाई उसने किया है। अब आप ही सोचिए कि एक आठवीं पास व्यक्ति लोगों का इलाज करने के लिए कौन सा लाइसेंस बनवा रहा होगा और इलाज कैसे करता होगा।
आज ग्रामीणों ने इलाज करते हुए उसका वीडियो बनाया और खुद पकड़कर उसे पुलिस के सुपुर्द कर दिया है। मामले में खंड चिकित्सा अधिकारी ने भी कार्रवाई के लिए पुलिस प्रशासन को पत्र लिखा है वहीं पुलिस की टीम ने मामले में कार्रवाई शुरू कर दिया है।

बलरामपुर जिले के अलग-अलग इलाकों में इस तरह के बंगाली झोलाछाप डॉक्टर बड़ी संख्या में घूम घूम कर लोगों का इलाज कर रहे हैं पिछले दिनों ऐसे ही एक मामले में विधायक ने कार्रवाई के लिए बीएमओ को फटकार भी लगाई थी। बहरहाल एक झोलाछाप तो अब गिरफ्तार कर लिया गया है लेकिन देखने वाली बात होगी कि बाकियों पर कारवाई कब होती है।