दिल्ली हाई कोर्ट ने उपभोक्ता हितों की रक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। 344 घर खरीदारों के साथ धोखाधड़ी के मामले में दोषी राजेंद्र मित्तल की 182 वर्ष की सजा को कोर्ट ने बरकरार रखा है।

यह सजा उपभोक्ता फोरम ने तिरुपति बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड के पूर्व निदेशक राजेंद्र मित्तल को 1998 में सुनाई थी। कोर्ट ने कहा कि यह कानूनी और वैध है और उपभोक्ता फोरम को यह अधिकार है कि वह अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए कठोर सजा सुना सके।