एक छोटे से 10×10 के कमरे में रहने वाली लड़की, जिसने अपने सपनों को पंख दिए, और उन पंखों से आसमान को छू भी लिया। सोनघरे का जीवन भले ही एक विमान हादसे में खत्म हो गया हो, लेकिन उसने जो संघर्ष, मेहनत और लगन से अपने लक्ष्य को हासिल किया – वो आज हजारों लड़कियों के लिए प्रेरणा बन चुकी है।

रोशनी न केवल एयर होस्टेस बनी, बल्कि उसने दिखा दिया कि गरीबी कभी भी हौसले की उड़ान को नहीं रोक सकती। उसकी कहानी सिर्फ एक दुखद अंत नहीं है, बल्कि एक नई शुरुआत है – उन बेटियों के लिए जो सोचती हैं कि वे कुछ नहीं कर सकतीं।
उसकी मां को अब तक कुछ नहीं बताया गया है, लेकिन एक मां की कोख से निकली बेटी आज पूरे देश की बेटी बन चुकी है। गांव से लेकर शहर तक, और दिल से लेकर आसमान तक – रोशनी अब एक नाम नहीं, एक मिसाल बन गई है।