इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल काट्ज़ ने शुक्रवार को कहा कि इजरायल ने ईरान पर जोरदार हमला किया है।
इजरायल रक्षा बलों (आईडीएफ) ने एक बयान में पुष्टि की है कि उसके जेट विमानों ने पहले चरण का हमला पूरा कर लिया है, जिसमें ईरान के विभिन्न क्षेत्रों में परमाणु ठिकानों सहित कई सैन्य ठिकानों पर एक साथ हमले किये हैं।
आधिकारिक समाचार एजेंसी इरना ने बताया कि ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशन गार्ड्स कॉर्प्स के चीफ कमांडर होसैन सलामी और ईरान के खतम अल-अनबिया सेंट्रल हेडक्वार्टर के कमांडर घोलम-अली राशिद की हवाई हमलों में मौत हो गयी है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि इजरायली हवाई हमलों में दो ईरानी परमाणु वैज्ञानिक भी मारे गए, जिनकी पहचान मोहम्मद-मेहदी तेहरांची और फेरेदून अब्बासी के रूप में हुई है।
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक वीडियो संबोधन में कहा कि इजरायल का लक्ष्य ‘ईरान के परमाणु ढांचे, ईरान की बैलिस्टिक मिसाइल फैक्ट्रियों और ईरान की सैन्य क्षमताओं पर हमला करना’ है और यह लगातार जारी रहेगा।
ईरान के सरकारी टीवी ने बताया कि तेहरान और नतान्ज़, खोंडब और खोरमाबाद की काउंटियों में विस्फोटों की रिपोर्ट मिली है, साथ ही बताया कि तेहरान में एक आवासीय इमारत में महिलाओं और बच्चों सहित कई लोगों के हताहत होने की सूचना मिली है।
हमले के बाद इजरायल और ईरान दोनों ने अपने हवाई क्षेत्र बंद कर दिए। इजरायल ने पूरे देश में आपातकाल की घोषणा कर दी है।
एक बयान में, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने एकतरफा हमले में किसी भी अमेरिकी सहायता या भागीदारी से स्पष्ट इनकार किया, साथ ही कहा कि इजरायल ने अमेरिका से कहा है कि उसका मानना है कि हमले उसकी आत्मरक्षा के लिए आवश्यक थे।
गौरतलब है कि इससे पहले गुरुवार को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पश्चिम एशिया में संभावित ‘बड़े पैमाने पर संघर्ष’ की चेतावनी देते हुए कहा, “मैं नहीं चाहता कि वे इसमें शामिल हों” क्योंकि अमेरिका और ईरान के बीच सीधी बातचीत जारी है।
उन्होंने व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा, “मैं ईरान के साथ समझौता करना चाहता हूं। हम समझौते के काफी करीब हैं… जब तक मुझे लगता है कि समझौता हो गया है, मैं नहीं चाहता कि वे इसमें शामिल हों क्योंकि इससे सब कुछ खत्म हो जाएगा।”