खैरागढ़- जिले के छुईखदान विकासखंड स्थित शासकीय प्राथमिक शाला दनिया में पदस्थ सहायक शिक्षिका (एल.बी.) कु. मोहिनी देवांगन पर बच्चों के हित में काम न करने और संतोषजनक कार्यशैली न होने के गंभीर आरोप लगे हैं। ग्रामीणों ने शिक्षिका के तत्काल स्थानांतरण और एक कर्तव्यनिष्ठ शिक्षक के अतिशेष किए जाने के विरोध में स्कूल में तालाबंदी की चेतावनी दिए है.
शिकायत के अनुसार, कु. मोहिनी देवांगन पर शाला समय पर नहीं पहुंचने, बच्चों को अध्यापन न कराने, पालकों के सुझाव पर चिल्लाने और चिड़चिड़ाने, बच्चों को पुस्तक-कॉपी छूने न देने तथा बच्चों से घृणा करने जैसे गंभीर आरोप हैं। ग्रामीणों का कहना है कि शिक्षिका की मानसिक स्थिति भी ठीक नहीं है। इन सभी शिकायतों को ग्रामवासियों की ओर से जनक राम नेताम (शिकायत आवेदन क्रमांक 25144016600001) और अमीराम (शिकायत आवेदन क्रमांक 25144016600003) द्वारा सुशासन तिहार में दर्ज कराया गया था। हालांकि, इतने समय बाद भी शिक्षिका के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

ग्रामीणों ने इस बात पर भी आक्रोश व्यक्त किया है कि जहां एक ओर कु. मोहिनी देवांगन पर गंभीर आरोप हैं और उनके स्थानांतरण की मांग की जा रही है, वहीं दूसरी ओर स्कूल में कार्यरत सहायक शिक्षक विज्ञान दयासागर जोशी को युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के तहत अतिशेष कर दिया गया है। ग्रामीणों के अनुसार, दयासागर जोशी अध्यापन कार्य में कुशल, कर्तव्यनिष्ठ और अन्य शैक्षणिक गतिविधियों में क्रियाशील रहते हैं, जिसके चलते स्कूल में बच्चों की दर्ज संख्या में भी वृद्धि हुई है।
पालकों का तर्क है कि जब एक शिक्षिका अध्यापन कार्य में पहले से ही अक्षम है और दूसरे कुशल शिक्षक को अतिशेष बताकर अन्यत्र पदस्थ करने का आदेश दिया गया है, तो पहली से पांचवीं तक के 38 बच्चों की कक्षाओं को अकेले प्रधानपाठक कैसे संभाल पाएंगे, जबकि उन्हें डाक और अन्य सरकारी दायित्वों का भी निर्वहन करना होता है।

ग्रामवासी पालक होने के नाते शिकायतकर्ता ने बताया कि सुशासन तिहार में कु. मोहिनी देवांगन के संबंध में की गई शिकायतें पूरी तरह सत्य हैं। उन्होंने मांग की है कि उक्त शिक्षिका को तत्काल शासकीय प्राथमिक शाला दनिया से हटाया जाए और दयासागर जोशी को शाला में यथावत रखा जाए। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि इस संबंध में उचित कार्यवाही नहीं की गई, तो बच्चों के भविष्य को देखते हुए स्कूल में तालाबंदी की जाएगी, जिसके लिए शासन-प्रशासन जिम्मेदार होंगे। ग्रामीणों ने प्रशासन से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप कर उचित कार्यवाही करने का आग्रह किया है।