देश में टैक्स चोरी को लेकर सरकार सख्त है, लेकिन ठगों की चालें और तकनीकें उससे भी तेज़। राजस्थान में एक ऐसे ही हाई-प्रोफाइल GST घोटाले का पर्दाफाश हुआ है, जिसमें फर्जी दस्तावेज़ों और 240 नकली कंपनियों के ज़रिए 500 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी को अंजाम दिया गया। जोधपुर पुलिस ने इस गिरोह के 7 मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया है।

जोधपुर के मसूरिया इलाके में एक ई-मित्र सेंटर की नियमित जांच के दौरान फर्जी आधार और दस्तावेज़ों की श्रृंखला सामने आई। पुलिस जब गहराई में गई, तो पाया कि यही दस्तावेज़ GST पंजीकरण, बैंक खातों और ट्रांजैक्शन हेराफेरी के लिए इस्तेमाल हो रहे हैं।
गिरोह का काम करने का तरीका:
नकली आधार कार्ड, पैन कार्ड और ई-मेल आईडी से फर्जी फर्मों का निर्माण
बैंक खाते खोलकर फर्जी GST लेन-देन दिखाना
240 से ज़्यादा कंपनियों की स्थापना, जो केवल कागज़ पर मौजूद थीं
नकली स्टाम्प और डॉक्युमेंट्स का ज़खीरा, जिससे पूरे नेटवर्क को संचालित किया जाता था
इस पूरे ऑपरेशन को अलग-अलग राज्यों में फैले नेटवर्क के ज़रिए अंजाम दिया जा रहा था।
अब तक की कार्रवाई:
7 मुख्य आरोपी गिरफ्तार
फर्जी कंपनियों और बैंक खातों की जांच जारी
तकनीकी एक्सपर्ट की मदद से डिजिटल ट्रेल की रिकवरी
दस्तावेज़ों की फॉरेंसिक जांच चल रही है
CBIC की रिपोर्ट से खुली देशव्यापी तस्वीर
CBIC की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2024-25 में 2.23 लाख करोड़ रुपये की GST चोरी पकड़ी गई है। यह आंकड़ा बताता है कि टैक्स चोरी सिर्फ आर्थिक अपराध नहीं, बल्कि डिजिटल पहचान, बैंकिंग और कानून के साथ धोखाधड़ी का संगठित रूप बन चुका है।