India VIX (वोलैटिलिटी सूचकांक) चार महीनों के न्यूनतम सापेक्ष करीब 12.32 पर रहा.
र 4 जुलाई 2025 को शेयर बाजार में देखे गए सेक्टोरल ट्रेंड्स और India VIX (वोलैटिलिटी सूचकांक) का विस्तृत विश्लेषण है:

📊 सेक्टोरल ट्रेंड्स (Sectoral Trends)
🔼 मजबूत प्रदर्शन करने वाले सेक्टर:
1. 🖥️ IT (सूचना प्रौद्योगिकी):
- Infosys, TCS, Wipro, Tech Mahindra जैसे स्टॉक्स में बढ़त देखी गई।
- इसका कारण:
- अमेरिकी बाजारों में मजबूती,
- डॉलर में तेजी, जिससे भारतीय आईटी कंपनियों को विदेशी कमाई में फायदा होता है।
- H1 FY26 के तिमाही नतीजों से पहले निवेशकों में उत्साह।
2. 🏦 Banking (बैंकिंग):
- ICICI Bank, AU Small Finance Bank, SBI आदि में तेजी।
- बैंक निफ्टी लगभग 0.42% की बढ़त के साथ बंद हुआ।
- कारण:
- बेहतर क्रेडिट ग्रोथ,
- FII द्वारा खरीदारी,
- भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा कोई अचानक नीति बदलाव नहीं।
3. 🛢️ Oil & Gas (तेल और गैस):
- ONGC, Reliance, GAIL जैसी कंपनियों में अच्छी खरीदारी।
- कारण:
- अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों में स्थिरता,
- पेट्रोलियम डीलिंग मार्जिन्स में सुधार की उम्मीद।
4. 🏢 Realty (रियल एस्टेट):
- Godrej Properties, DLF, Sobha Ltd जैसी कंपनियों के शेयर चढ़े।
- कारण:
- ब्याज दरों में स्थिरता,
- बंगलुरु और मुंबई जैसे शहरों में रियल एस्टेट बिक्री में उछाल।
5. 💊 Pharma (फार्मा):
- Cipla, Sun Pharma, Dr. Reddy’s में तेजी।
- कारण:
- USFDA अप्रूवल्स,
- ग्लोबल जेनेरिक दवाओं की मांग।
🔻 कमज़ोर प्रदर्शन करने वाले सेक्टर:
1. 🧲 Metals (धातु):
- Tata Steel, JSW Steel, Hindalco में गिरावट।
- कारण:
- चीन से कमजोर मांग के संकेत,
- स्टील प्राइस में गिरावट,
- घरेलू निर्माण गतिविधियों में मौसमी मंदी।
2. 🚗 Auto (ऑटोमोबाइल):
- Maruti Suzuki, Bajaj Auto, Tata Motors में हल्की गिरावट।
- कारण:
- इनपुट लागत में अस्थिरता,
- जून बिक्री आँकड़ों में कुछ कंपनियों का प्रदर्शन उम्मीद से कम।
📉 India VIX – वोलैटिलिटी सूचकांक (Volatility Index):
- India VIX 4 जुलाई को गिरकर 12.32 के स्तर पर आ गया, जो पिछले 4 महीनों का न्यूनतम है।
इसका क्या मतलब है?
- VIX को अक्सर “डर का सूचकांक” कहा जाता है।
- इसका गिरना दर्शाता है कि:
- बाजार में स्थिरता है,
- निवेशकों में घबराहट कम है,
- अगले कुछ दिन बाजार में कम उतार-चढ़ाव की संभावना है।
👉 आमतौर पर जब VIX 10–15 के बीच होता है, तो इसे कम जोखिम वाला ट्रेडिंग माहौल माना जाता है।
✅ निष्कर्ष:
पॉज़िटिव संकेत | निगेटिव संकेत |
---|---|
IT, बैंकिंग, फार्मा, तेल और रियल एस्टेट में मजबूती | मेटल और ऑटो सेक्टर दबाव में |
FII की खरीदारी जारी | Jane Street केस से कुछ ब्रोकिंग स्टॉक्स प्रभावित |
VIX में गिरावट से स्थिर माहौल | छोटे निवेशकों को सेक्टर रोटेशन पर ध्यान देना चाहिए |