राज्यपाल श्री रमेन डेका से आज राजभवन में छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा का प्रतिनिधित्व करने वाले एक गेंड़ी लोक नृत्य कलाकार ने सौजन्य मुलाकात की। यह मुलाकात पारंपरिक कला के संरक्षण, संवर्धन और कलाकारों को प्रोत्साहन देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल रही।

🎭 गेंड़ी लोक नृत्य कलाकार की भेंट की मुख्य बातें:
🔹 गेंड़ी नृत्य कलाकार ने राज्यपाल को गेंड़ी नृत्य की परंपरा, प्रशिक्षण, प्रदर्शन अनुभव और युवाओं को जोड़ने के अपने प्रयासों की जानकारी दी।
🔹 कलाकार ने बताया कि किस तरह बांस की लकड़ी से बनी लंबी गेंड़ियों पर संतुलन बनाकर पारंपरिक धुनों पर नृत्य किया जाता है। यह नृत्य छत्तीसगढ़ के विशेष त्योहारों और उत्सवों का हिस्सा है।
🔹 राज्यपाल श्री रमेन डेका ने गेंड़ी नृत्य को छत्तीसगढ़ की लोक-आत्मा का जीवंत प्रतीक बताया और कलाकार की मेहनत, समर्पण और कला प्रेम की सराहना की।
🔹 राज्यपाल ने यह भी कहा:
“लोक कलाकार हमारी सांस्कृतिक विरासत के संरक्षक हैं। ऐसे पारंपरिक नृत्य सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि हमारी पहचान और इतिहास के संवाहक हैं।”
🔹 उन्होंने कलाकार को प्रोत्साहन स्वरूप स्मृति चिह्न और प्रमाण पत्र भी भेंट किया और यह भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार और राजभवन लोक कलाकारों के हित में कार्य करते रहेंगे।
🌿 गेंड़ी लोक नृत्य क्या है?
- गेंड़ी नृत्य छत्तीसगढ़ का परंपरागत लोक नृत्य है जिसमें कलाकार बांस की गेंड़ी (लंबी लकड़ी की डंडी) पर खड़े होकर नृत्य करते हैं।
- यह नृत्य विशेषतः तीजा-पोरा, हरियाली तीज, गोवर्धन पूजा जैसे त्यौहारों पर होता है।
- गेंड़ी नृत्य संतुलन, लय और परंपरा का अद्भुत संगम होता है।