बस्तर l छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में नक्सलवाद के खिलाफ एक बड़ी सफलता सामने आई है। बीते 24 घंटे के भीतर कुल 45 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया है। यह घटनाक्रम न केवल सुरक्षा बलों की रणनीतिक सफलता का प्रमाण है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि अब बस्तर के लोग लोकतंत्र और विकास के रास्ते पर भरोसा जता रहे हैं।

🔴 आत्मसमर्पण का विवरण:
- 📍 स्थान: बस्तर संभाग (मुख्य रूप से दंतेवाड़ा, सुकमा और बीजापुर क्षेत्र)
- 🧍♂️ आत्मसमर्पण करने वाले: 45 नक्सली, जिनमें महिला नक्सली भी शामिल
- 🔫 इनमें कई पर इनामी नक्सली और माओवादी संगठन के सक्रिय सदस्य भी थे
- ⚖️ सभी नक्सलियों ने सरकारी पुनर्वास नीति का लाभ लेने की इच्छा जताई
🛡️ आत्मसमर्पण के कारण:
- सरकार की पुनर्वास नीति और आत्मसमर्पण योजना
- स्थानीय लोगों में विकास और सुरक्षा का बढ़ता भरोसा
- नक्सली नेतृत्व में शोषण, भेदभाव और हिंसा से मोहभंग
- पुलिस और CRPF द्वारा लगातार दबाव और प्रभावी सर्ज ऑपरेशन
- परिवारों के साथ सामान्य जीवन जीने की इच्छा
🗣️ मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का बयान:
“बस्तर अब बंदूक नहीं, विकास की भाषा समझ रहा है। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों का स्वागत है। उन्हें पुनर्वास, शिक्षा, रोज़गार और सम्मान के साथ समाज में नई शुरुआत का मौका मिलेगा।”
🧩 प्रशासन की पहलें जो असर दिखा रही हैं:
- लोन वर्राटू अभियान: “घर लौटो” की अपील के साथ
- सरेंडर करने वालों को आर्थिक सहायता, रोज़गार प्रशिक्षण, मकान, शिक्षा
- बस्तर फाइटर्स जैसे स्थानीय बलों में युवाओं की भर्ती
- इंफ्रास्ट्रक्चर विकास, सड़कें, स्कूल, अस्पताल, नेटवर्क कनेक्टिविटी
- जनसंवाद शिविरों और विश्वास जीतने वाली योजनाएं
📈 इसका क्या असर पड़ेगा?
- बस्तर में शांति बहाली को बल मिलेगा
- नए युवाओं की भर्ती पर रोक लगेगी
- सूचनाएं मिलने से सुरक्षाबलों की ऑपरेशनल क्षमता बढ़ेगी
- लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भागीदारी बढ़ेगी — पंचायत और चुनावों में भागीदारी