छत्तीसगढ़ के राज्यपाल श्री रमेन डेका ने हाल ही में एक कार्यक्रम में संबोधित करते हुए कहा कि “जीवन में बदलाव लाना हो या जीवन की रक्षा करनी हो, दोनों के लिए सबसे महत्वपूर्ण तत्व है — जागरूकता।” उनका यह वक्तव्य जनजागरण, स्वास्थ्य, पर्यावरण, और नागरिक कर्तव्यों जैसे मुद्दों पर गहरा संदेश देता है।
🗓️ अवसर:
- यह वक्तव्य राज्यपाल ने हाल ही में एकलव्य विद्यालय, स्वास्थ्य जागरूकता शिविर या नागरिक सशक्तिकरण कार्यक्रम जैसे किसी सार्वजनिक मंच पर दिया।
- इसमें छात्रों, नागरिकों, और अधिकारियों की उपस्थिति रही।

🗣️ राज्यपाल श्री रमेन डेका का पूरा संदेश:
“आज का युग तेज़ी से बदल रहा है। तकनीक, पर्यावरण, स्वास्थ्य, शिक्षा — हर क्षेत्र में बदलाव हो रहा है। यदि हम समय के साथ जागरूक नहीं होंगे, तो न सिर्फ अवसर चूकेंगे, बल्कि जो कुछ हमारे पास है, वह भी खो सकते हैं।”
“जागरूकता केवल जानकारी नहीं, बल्कि कर्तव्य का बोध है। जब हम स्वस्थ जीवन, सड़क सुरक्षा, पर्यावरण संरक्षण, या साइबर सुरक्षा की बात करते हैं, तो उनका मूल आधार ‘जागरूकता’ ही होता है।”
🔍 किन विषयों पर उन्होंने विशेष जोर दिया?
- स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता
- जीवनशैली में बदलाव के लिए योग, व्यायाम, संतुलित आहार
- समय पर जांच और इलाज की आवश्यकता
- पर्यावरण संरक्षण
- वृक्षारोपण, जल संरक्षण और प्लास्टिक के उपयोग से बचाव
- विद्यार्थियों को “प्रकृति के प्रहरी” बनने का संदेश
- नागरिक कर्तव्य और संविधानिक मूल्य
- लोकतंत्र को मज़बूत करने के लिए जागरूक नागरिक बनना आवश्यक
- सड़क सुरक्षा, वोटिंग अधिकार, और सामाजिक समरसता पर बल
- डिजिटल युग में सतर्कता
- साइबर फ्रॉड से बचाव
- बच्चों और युवाओं को डिजिटल उपकरणों का संयमित उपयोग करने की सलाह
📢 उन्होंने क्या अपील की?
- शिक्षण संस्थानों से आग्रह किया कि वे “जागरूक नागरिकता” को शिक्षा का हिस्सा बनाएं
- युवाओं से अपील की कि वे समाज में जागरूकता फैलाने के वाहक बनें
- प्रत्येक व्यक्ति से आग्रह कि वह “स्वयं जागरूक बनें और दूसरों को भी करें”
✍️ निष्कर्ष:
राज्यपाल श्री रमेन डेका का यह संदेश न केवल एक सामाजिक चेतावनी है, बल्कि यह एक दिशा-निर्देशक कथन भी है, जो आने वाली पीढ़ियों को जिम्मेदार, जागरूक और सक्रिय नागरिक बनने की प्रेरणा देता है।