छत्तीसगढ़ विधानसभा के मौजूदा मानसून सत्र (14–18 जुलाई 2025) में विपक्ष के नेता चरणदास महंत ने एक गंभीर सामाजिक मुद्दा उठाया है – स्व-सहायता समूहों को समय पर भोजन और फोर्टिफाइड आटे की आपूर्ति नहीं होना, और साथ ही एम्बुलेंस की भारी कमी। ये दोनों मुद्दे सीधे गरीब, ग्रामीण और महिला वर्ग की ज़रूरतों से जुड़े हैं।

आइए इस विषय को विस्तार से समझते हैं:
🔹 क्या कहा चरणदास महंत ने?
चरणदास महंत (नेता प्रतिपक्ष, कांग्रेस) ने मीडिया और विधानसभा दोनों में स्पष्ट रूप से कहा:
“राज्य में महिला स्व-सहायता समूहों को महीनों से न भुगतान हुआ है, न उन्हें किचन वर्क और फोर्टिफाइड आटा समय पर मिल रहा है। वहीं ग्रामीण व शहरी स्वास्थ्य केंद्रों में एम्बुलेंस की अनुपलब्धता जानलेवा बन रही है। सरकार इन जरूरी सेवाओं में असफल रही है।”
🔸 मुद्दा 1: फोर्टिफाइड आटा और भोजन की आपूर्ति में देरी
➤ समस्या:
- पोषण आहार, मिड-डे मील, और आंगनबाड़ी कार्यक्रमों के तहत स्व-सहायता समूहों को फोर्टिफाइड आटा, दाल, चावल, व आवश्यक खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई जाती है।
- लेकिन अब:
- सप्लाई में महीनों की देरी हो रही है।
- समूहों को भुगतान नहीं मिला, जिससे वे उधार लेने को मजबूर हैं।
- बच्चों व महिलाओं को पौष्टिक भोजन नहीं मिल पा रहा।
➤ असर:
- हज़ारों महिलाएं, जो समूहों में काम करती हैं, आर्थिक संकट में हैं।
- स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में भोजन की गुणवत्ता और निरंतरता प्रभावित हुई है।
- पोषण स्तर पर असर पड़ रहा है, जो बच्चों में कुपोषण को जन्म दे सकता है।
🔸 मुद्दा 2: एम्बुलेंस की कमी
➤ समस्या:
- कई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC), सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC), और जिला अस्पतालों में:
- 1 या 2 एम्बुलेंस ही उपलब्ध हैं – वह भी खराब या उपयोग से बाहर।
- 108 आपात सेवा का जवाब समय पर नहीं मिल रहा।
- गर्भवती महिलाएं, दुर्घटनाग्रस्त लोग और गंभीर मरीज समय पर अस्पताल नहीं पहुँच पा रहे।
➤ असर:
- ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में मृत्यु दर बढ़ने का खतरा।
- स्वास्थ्य सेवाओं में लोगों का भरोसा घटा।
- डॉक्टरों और स्टाफ को मरीज रेफर करने में कठिनाई हो रही है।
🔸 कांग्रेस की मांगें:
- स्व-सहायता समूहों को तत्काल भुगतान और फोर्टिफाइड आटा की निर्बाध आपूर्ति।
- राज्य के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में एम्बुलेंस की न्यूनतम उपलब्धता सुनिश्चित करना।
- एम्बुलेंस सेवा में GPS आधारित निगरानी प्रणाली, ताकि जवाबदेही तय की जा सके।
- स्वास्थ्य बजट बढ़ाना, और महिला व बाल कल्याण योजनाओं को प्राथमिकता देना।
🧾 विधानसभा सत्र में क्या हो रहा है?
मुद्दा | कांग्रेस की स्थिति | सरकार की प्रतिक्रिया |
---|---|---|
भोजन व आटा | तुरंत आपूर्ति बहाल की मांग | प्रशासन ने सर्वे व समीक्षा की बात कही |
एम्बुलेंस की कमी | प्राथमिकता से हर ब्लॉक में सेवा | हेल्थ डिपार्टमेंट ने 100 नई एम्बुलेंस खरीद का प्रस्ताव रखा है |
🧠 निष्कर्ष:
विपक्ष के नेता चरणदास महंत ने जो मुद्दे उठाए हैं, वे केवल प्रशासनिक देरी नहीं बल्कि जन स्वास्थ्य और पोषण से जुड़ी गंभीर चिंताएँ हैं।
यदि इन समस्याओं का शीघ्र समाधान नहीं किया गया, तो यह बाल विकास, महिला सशक्तिकरण और स्वास्थ्य व्यवस्था की स्थिरता को प्रभावित कर सकता है।