छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में मलेरिया के खिलाफ व्यापक और निर्णायक अभियान चलाया जा रहा है। राज्य सरकार ने “मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़” के लक्ष्य को प्राथमिकता देते हुए स्वास्थ्य विभाग, जनप्रतिनिधियों और स्थानीय निकायों को मिलाकर एक संवेदनशील, तकनीकी और जनजागरण आधारित रणनीति अपनाई है।

🔷 मुख्यमंत्री का दृष्टिकोण:
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा:
“स्वस्थ छत्तीसगढ़, समृद्ध छत्तीसगढ़ की बुनियाद है। मलेरिया जैसी रोकथाम योग्य बीमारी को जड़ से खत्म करना हमारी प्राथमिकता है। सरकार हर गांव, हर घर तक स्वास्थ्य सुरक्षा पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।”
🔶 अभियान की प्रमुख बातें:
✅ मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान से शुरुआत
- बस्तर, सुकमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर जैसे आदिवासी इलाकों में सबसे पहले शुरू किया गया था यह अभियान।
- डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग, रैपिड टेस्टिंग किट, और फॉगिंग/स्प्रे गतिविधियों को तेज किया गया।
- ASHAs, मितानिनों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित कर मैदान में उतारा गया।
✅ नवीन रणनीति और टेक्नोलॉजी का उपयोग
- डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम, GPS आधारित निगरानी और रिपोर्टिंग।
- पॉजिटिव मामलों की री-टेस्टिंग और फॉलोअप पर विशेष ध्यान।
- मच्छरजनित स्रोतों की पहचान और नष्ट करने की कार्यवाही।
✅ जनजागरूकता और शिक्षा
- स्कूलों, पंचायतों और नगरीय निकायों में स्वास्थ्य शिविर और जनसभा आयोजित की जा रही हैं।
- “मलेरिया हटाओ – जीवन बचाओ” जैसे नारों के माध्यम से समुदाय को सक्रिय भागीदार बनाया जा रहा है।
✅ संवेदनशील क्षेत्रों पर विशेष फोकस
- जंगलों, नदी किनारे बसे गांव, और सीमावर्ती इलाकों में विशेष स्वास्थ्य टीमें तैनात।
- जहां जरूरत पड़ी, वहां मोबाइल मेडिकल यूनिट्स भेजी गईं।
📊 अब तक की उपलब्धियाँ:
- कई आदिवासी ब्लॉक “मलेरिया मुक्त” घोषित किए जा चुके हैं।
- पॉजिटिव मामलों में 60–80% तक की कमी देखी गई है कुछ क्षेत्रों में।
- बस्तर और सरगुजा जैसे संवेदनशील अंचलों में मलेरिया इंडेक्स में ऐतिहासिक गिरावट आई है।
🤝 बहु-स्तरीय सहयोग:
- अभियान में स्वास्थ्य, पंचायत, शिक्षा, महिला एवं बाल विकास विभागों का समन्वय।
- NGOs, स्थानीय जनप्रतिनिधि, मितानिन और स्वयंसेवी संस्थाएं भी जोड़़ी गईं।
✅ निष्कर्ष:
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में चलाया जा रहा यह अभियान सिर्फ एक स्वास्थ्य मुहिम नहीं, बल्कि एक जनांदोलन बन चुका है। मलेरिया के खिलाफ यह सशक्त प्रहार छत्तीसगढ़ को “बीमारियों से मुक्त, जागरूक और सशक्त राज्य” के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।