भाजपा विधायक सुनील सोनी ने सदन में साइबर ठगी का मुद्दा उठाया—जहाँ पिछले वर्ष 1,301 मामले दर्ज हुए, लेकिन केवल 107 पीड़ितों को ही राशि लौटा पाई गई।
- गृहमंत्री विजय शर्मा ने बताया कि 147 मामले सिर्फ रायपुर में दर्ज हुए, 7 बैंक कर्मचारियों की संलिप्तता पाई गई और साइबर एक्सपर्ट जल्द नियुक्त किए जाएंगे

छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र 2025 के तीसरे दिन (16 जुलाई) में साइबर ठगी का गंभीर मुद्दा सदन में उठाया गया, जिस पर भाजपा सांसद सुनील सोनी और गृह मंत्री विजय शर्मा के बीच प्रश्नोत्तर हुआ। यह बहस राज्य में बढ़ती डिजिटल धोखाधड़ी, पुलिस की तैयारी, और रिकवरी की दर को लेकर थी।
🛡️ मुद्दा किसने उठाया और क्यों?
🗣️ विधायक सुनील सोनी (भाजपा) का सवाल:
- उन्होंने कहा कि पिछले एक साल में राज्य में 1,301 साइबर ठगी के मामले दर्ज किए गए।
- लेकिन इनमें से केवल 107 पीड़ितों को ही उनकी राशि लौटाई जा सकी।
- उन्होंने इसपर सवाल उठाया कि जब शिकायतें हो रही हैं और जांच भी चल रही है, तो वसूली की दर इतनी कम क्यों है?
- उन्होंने बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत, और साइबर थानों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए।
🛡️ गृह मंत्री विजय शर्मा का जवाब:
🔎 आँकड़े:
- वर्ष 2024–25 में:
- कुल साइबर ठगी के मामले दर्ज: 1,301
- कुल वसूली (recovery) संभव हुई: ₹1.43 करोड़
- पीड़ितों को पूरी या आंशिक राशि वापसी: 107
🏙️ रायपुर विशेष ध्यान में:
- अकेले रायपुर जिले में 147 मामले दर्ज हुए।
- इनमें से कई मामलों में बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत उजागर हुई।
- अब तक 7 बैंक कर्मचारी संदिग्ध पाए गए हैं और जांच चल रही है।
👮 साइबर क्राइम रोकथाम हेतु सरकारी पहल:
- साइबर सेल और थानों का विस्तार
- सभी जिलों में साइबर सेल हैं।
- प्रत्येक संभागीय मुख्यालय पर स्पेशल साइबर थाना स्थापित।
- विशेष साइबर एक्सपर्ट की नियुक्ति
- गृह मंत्री ने बताया कि जल्द ही साइबर विशेषज्ञों की नियुक्ति की जा रही है।
- 69 अधिकारियों को ट्रेनिंग मिल चुकी है।
- 6 अधिकारी राष्ट्रीय एजेंसियों से विशेष प्रशिक्षण लेकर लौटेंगे।
- साइबर भवन (Cyber Building) का निर्माण पूरा
- वहां अत्याधुनिक उपकरण व फोरेंसिक सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है।
- बैंकिंग फ्रीज़ सिस्टम पर सुधार
- वर्तमान में पहले उपयोग किए गए खाते को ही फ्रीज़ किया जाता है, अन्य जुड़े खातों को “होल्ड” पर डाला जाता है।
- सरकार प्रक्रिया को तेज और समन्वित करने के लिए RBI और CERT-IN के साथ संपर्क में है।
⚖️ प्रमुख चुनौतियाँ जो सदन में सामने आईं:
चुनौती | विवरण |
---|---|
🔒 रिकवरी की दर कम | केवल 107 मामलों में राशि वापस हुई—कुल का मात्र ~8% |
👥 बैंक कर्मियों की भूमिका | 7 कर्मचारी संलिप्त, बैंकिंग जांच की गति धीमी |
🧠 प्रशिक्षित स्टाफ की कमी | कई साइबर सेल स्टाफ टेक्निकल नहीं, प्रशिक्षण की ज़रूरत |
⌛ कार्रवाई में देरी | पीड़ितों की शिकायत पर खाते फ्रीज़ होने में देरी होती है |
🌐 ग्रामीण जागरूकता की कमी | कई गांवों में लोग OTP, लिंक या QR स्कैन ठगी का शिकार हो रहे हैं |
📢 गृह मंत्री का आश्वासन:
“राज्य सरकार साइबर ठगी को लेकर गंभीर है। जल्द ही विशेष साइबर टीम गठित की जाएगी और सभी थानों को हाईटेक सुविधाओं से जोड़ा जाएगा। दोषी बैंक कर्मियों पर भी कार्रवाई की जाएगी।”
✅ निष्कर्ष:
साइबर ठगी की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, लेकिन रिकवरी दर बहुत कम है, जिससे पीड़ितों में निराशा है।
सरकार को तकनीकी निवेश, स्टाफ ट्रेनिंग, और बैंकिंग सिस्टम में सुधार की दिशा में और तत्परता दिखानी होगी।