रायपुर |
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की कार्यवाही को लेकर की गई तीखी टिप्पणी पर छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री और गृह मंत्री विजय शर्मा ने सख्त पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि:
“ईडी एक केंद्रीय संस्था है जो कानून के तहत काम करती है। यह भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई कर रही है, किसी राजनीतिक उद्देश्य से नहीं।”
🗣️ पृष्ठभूमि: क्या कहा था भूपेश बघेल ने?
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हाल ही में बयान दिया था कि:
- ईडी और केंद्रीय एजेंसियां बीजेपी के इशारे पर काम कर रही हैं।
- राज्य में विपक्षी नेताओं, अधिकारियों और व्यापारियों को राजनीतिक द्वेष के तहत निशाना बनाया जा रहा है।
- उन्होंने इसे “राजनीतिक आतंकवाद” करार दिया था।

🔥 विजय शर्मा का करारा जवाब:
उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा:
“भ्रष्टाचारियों को डर लग रहा है, इसलिए बौखलाहट में ऐसे बयान दिए जा रहे हैं।
क्या भूपेश जी यह कहना चाह रहे हैं कि भ्रष्टाचारियों को बचाना चाहिए?”
उनके मुख्य तर्क:
- ईडी केवल सबूत के आधार पर कार्रवाई करती है, चाहे वो कोई भी हो।
- कानून से ऊपर कोई नहीं, न कोई राजनेता और न ही अधिकारी।
- जिनके खिलाफ कार्रवाई हो रही है, वे अपने कार्यकाल में हुई गड़बड़ियों का जवाब दें।
🔍 ईडी की हालिया कार्यवाही की झलक:
- छत्तीसगढ़ में हाल के महीनों में:
- खनन घोटाला, शराब घोटाला, सरकारी भर्ती और कोल परिवहन से जुड़े मामलों में कार्रवाई हुई।
- कई पूर्व अफसरों और कारोबारी व्यक्तियों की संपत्ति जब्त, पूछताछ, और छापेमारी हो चुकी है।
⚖️ राजनीति बनाम पारदर्शिता:
यह बयानबाज़ी एक बार फिर राज्य बनाम केंद्र, और कानून बनाम राजनीति की बहस को तेज कर रही है।
जहाँ एक ओर कांग्रेस इसे राजनीतिक बदले की भावना बता रही है, वहीं भाजपा और सरकार इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ ईमानदार मुहिम बता रही है।
📌 निष्कर्ष:
उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा के बयान से यह साफ है कि भाजपा सरकार ईडी की कार्रवाई के बचाव में पूरी तरह से खड़ी है, और वह इसे वास्तविक भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम के रूप में पेश कर रही है।
वहीं, भूपेश बघेल और कांग्रेस इसे राजनीतिक उत्पीड़न बता रहे हैं — जिससे आगामी चुनावों में यह मुद्दा और गर्मा सकता है।