- India Inc On The Move 2025 सम्मेलन में यह निष्कर्ष निकले कि AI और डिजिटलाइजेशन भारत के निर्माण क्षेत्र के भविष्य को बदले हुए है—जहाँ डेटा, ऑटोमेशन और स्किल ट्रेनिंग मुख्य भूमिका निभाएंगे ।
- उद्योग जगत में बढ़ रही मांग के बीच, इस वर्ष ऑटोमेशन, AI, और सुरक्षा प्रणाली में कुशल जनशक्ति की रिक्तता को पूरा करने के लिए डिजिटल स्किल प्रशिक्षण जरूरी माना जा रहा है.
- India Inc On The Move 2025 – मुख्य निष्कर्ष
यह सम्मेलन उद्योग, टेक और नीति‑निर्माताओं को जोड़ने वाला एक बड़ा मंच रहा।
मुख्य निष्कर्ष:
AI और डिजिटलाइजेशन का तेज़ी से प्रभाव:
भारतीय मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में डेटा‑ड्रिवन फैसले, IoT आधारित प्रोडक्शन और AI‑सक्षम क्वालिटी कंट्रोल अब मुख्यधारा बनते जा रहे हैं।
डिजिटलाइजेशन से उत्पादन लागत कम, दक्षता अधिक और बाजार की मांगों के प्रति तेज़ प्रतिक्रिया संभव हो रही है।
ऑटोमेशन और स्मार्ट फैक्ट्रियां:
रोबोटिक्स और इंडस्ट्री 4.0 आधारित तकनीकों का उपयोग बढ़ा है।
स्मार्ट फैक्ट्रियां मशीन‑टू‑मशीन कम्युनिकेशन और रियल‑टाइम मॉनिटरिंग के ज़रिए उत्पादन चक्र को ऑप्टिमाइज़ कर रही हैं।
कुशल जनशक्ति की चुनौती और अवसर
रिक्तता (Skills Gap):
तेजी से बढ़ते ऑटोमेशन और AI‑इंटीग्रेशन की वजह से तकनीकी विशेषज्ञों और डिजिटल स्किल वाले कर्मियों की भारी कमी है।
खासकर साइबर सुरक्षा, AI‑आधारित उत्पादन प्रबंधन, और ऑटोमेशन सिस्टम्स की देखरेख में प्रशिक्षित लोगों की मांग तेज़ी से बढ़ रही है।
डिजिटल स्किल ट्रेनिंग की जरूरत:
सम्मेलन में सुझाव दिया गया कि सरकार, उद्योग और शैक्षणिक संस्थान मिलकर रोज़गारपरक ट्रेनिंग प्रोग्राम्स चलाएं।
री‑स्किलिंग (Reskilling) और अप‑स्किलिंग (Upskilling) कार्यक्रमों पर जोर दिया गया ताकि मौजूदा वर्कफोर्स भी नई तकनीकों को अपनाकर प्रतिस्पर्धी बने।
भविष्य का रोडमैप
पब्लिक‑प्राइवेट पार्टनरशिप:
कंपनियों और सरकारी संस्थानों के बीच साझेदारी के जरिए वृहद स्तर पर डिजिटल स्किल डेवेलपमेंट।
AI‑सक्षम इकोसिस्टम:
डेटा एनालिटिक्स, AI और मशीन लर्निंग आधारित टूल्स का स्थानीय स्तर पर विकास।
सुरक्षा और स्थायित्व:
साइबर सुरक्षा और सस्टेनेबल मैन्युफैक्चरिंग को एकीकृत करना।
निष्कर्ष
भारत का मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर इंडस्ट्री 4.0 युग में प्रवेश कर चुका है, जहाँ AI, ऑटोमेशन और डेटा सबसे बड़े बदलाव ला रहे हैं।
लेकिन इस परिवर्तन की सफलता कुशल मानव संसाधन पर निर्भर है—यानी यदि डिजिटल स्किल ट्रेनिंग और उद्योग‑केंद्रित शिक्षा को प्राथमिकता दी जाए, तो भारत वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग हब बन सकता है।
