- आज (29 जुलाई 2025) एक युवक को चश्मे में छिपा जासूसी कैमरा लगाकर मंदिर परिसर में वीडियो बनाने की कोशिश करते हुए पकड़ा गया है ।
- युवक की पहचान अभिषित कर, गजपति नगर, पुरी के निवासी के रूप में की गयी है ।
- सुरक्षा कर्मियों को युवक का असामान्य व्यवहार संदिग्ध लगा, जब परीक्षण के दौरान पाया गया कि उसके चश्मे में एक कैमरा फिट था जो वीडियो सीधे मोबाइल डिवाइस पर भेज रहा था ।

🚨 पुलिस कार्रवाई
- युवक को तुरंत हिरासत में लिया गया और सिंहद्वार पुलिस स्टेशन को सौंपा गया जहाँ उसकी पूछताछ जारी है ।
- पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि युवक ने ऐसा क्यों किया और क्या कोई अन्य व्यक्ति या समूह भी इस संबंध में शामिल था।
🛡️ सुरक्षा व्यवस्था पर उठे गंभीर सवाल
- यह घटना उस समय सामने आई जब मंदिर परिसर में कड़ाई से कैमरा और वीडियो की मनाही है, फिर भी युवक उपकरण लेकर अंदर जाने में कामयाब रहा—जिससे सुरक्षा की गंभीर चूक स्पष्ट होती है।
- हाल ही में इस मंदिर में बुलटप्रूफ वाहन, भारी सुरक्षा बल और एंटी‑ड्रोन तैनाती जैसे उपायों किए गए हैं, लेकिन इससे यह स्पष्ट होता है कि ऐसे छोटे उपकरणों की जांच में अभी भी व्यापक सुरक्षा अंतराल हैं
- 📝 घटना का सारांश
घटक
जानकारी
युवक की पहचान
अभिषित कर, गजपति नगर, पुरी
कैमरा डिवाइस
चश्मे में छुपा लेंस, मोबाइल से लाइव वीडियो ट्रांसमिट
रोकथाम लेने वाले
मंदिर सुरक्षा बल (Beherana Dwara द्वारा रोका गया)
अपनी पहचान
सिंहद्वार पुलिस के हवाले, पूछताछ जारी
सुरक्षा चिंताएँ
चश्मा जैसे छोटे उपकरणों की जांच में चूक
पिछले सुरक्षा उपाय
एंटी‑ड्रोन व्यवस्था, NSG जांच, SOP प्रस्ताव आदि
❗ महत्त्वपूर्ण निष्कर्ष
यह मामला दिखाता है कि काठिन सुरक्षा नियमों के बावजूद, सहज रूप से उच्च-तकनीकी उपकरण लेकर मंदिर परिसर में प्रवेश संभव हुआ।
सुरक्षा व्यवस्था केवल ड्रोन या बड़े उपकरणों तक सीमित नहीं होनी चाहिए; छोटे पहनावे-संबंधी जासूसी उपकरणों पर भी ध्यान देना होगा।
घटना के बाद सुरक्षा प्रणालियों की समीक्षा की मांग उठी है: जैसे कि प्रवेश मार्गों की रवैया जाँच, अधिकृत SOP विकसित करना और सुरक्षा कर्मियों को आधुनिक उपकरणों की पहचान की प्रशिक्षण देना।