भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 (BNS) की धारा 163 को तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है, जिससे सड़क एवं सार्वजनिक स्थानों पर मवेशियों को खुले में छोड़ना दंडनीय अपराध बन गया है।

🚨 क्या है धारा 163 और इसे लागू क्यों किया गया?
- धारा 163 भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की वह प्रावधान है, जो पूर्व में रद्द की गई CrPC की धारा 144 का विकल्प प्रदान करती है।
- इस धारा के अंतर्गत, यदि कोई व्यक्ति किसी उपकानूनी आदेश का उल्लंघन करता है, तो उसे अधिकतम छह महीने तक की जेल, उचित जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं—यह सजा उल्लंघन की गंभीरता और आदेश के प्रकार पर निर्भर करती है ।
🐄 मवेशियों के मार्गरहित छोड़ने पर क्या कार्रवाई होगी?
- बिलासपुर जिले में कलेक्टर संजय अग्रवाल द्वारा तत्काल प्रभाव से धारा 163 लागू की गई है, ताकि सड़कों या सार्वजनिक स्थानों पर पशुओं को खुले में न छोड़ा जाए ।
- ऐसे करने वाले पशुपालक तुरंत दंडनीय होंगे—इसमें शामिल हैं:
- भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 291 के तहत दंड,
- पशु क्रूरता अधिनियम, 1960 के अंतर्गत भी जुर्माना या सजा,
- अतिरिक्त जुर्माना एवं कानूनी कार्रवाई हो सकती है ।
📋 संभावित दंड और प्रतिबद्धता
अपराध | प्रावधान/संहिता | संभावित दंड |
---|---|---|
सड़क पर खुले में पशु छोड़ना | BNS अधिनियम 2023, §163 | छह महीने तक जेल और जुर्माना (Severity पर निर्भर) |
पशु क्रूरता | Prevention of Cruelty to Animals Act, 1960 | जुर्माना या सजा (अनुच्छेद 11, 428 आईपीसी) |
यातायात बाधा व दुर्घटना | संबंधित नागरिक सुरक्षा / ट्रैफिक नियम | अतिरिक्त जुर्माना एवं पालक जिम्मेदार मामला दर्ज |
🧭 निष्कर्ष
- सड़क दुर्घटनाओं और ट्रैफिक अवरोधों को नियंत्रित करने हेतु सरकार ने कड़े कदम उठाए हैं।
- धारा 163 की वृद्धि हुई प्रभावशीलता से अब पशु मालिकों को उनके पशुओं को बांधकर रखने का कानूनी कर्तव्य है।
- जो लोग इसे अनदेखा करेंगे, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई, जुर्माना, और संभावित जेल की सजा सुनिश्चित की जाएगी।
बिलासपुर जिला प्रशासन ने जिले के सभी अनुविभागीय दण्डाधिकारी (SDMs) को निर्देशित किया है कि वे भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNS), 2023 की धारा 163 को तत्काल प्रभाव से प्रभावशील करें। इसके अनुसार:
🚨 प्रमुख निर्देश और कानूनी प्रभाव
- धारा 163 के तहत, अब कोई पशुपालक अपनी पशुओं को सड़कों, गलियों या सार्वजनिक स्थानों पर खुले में नहीं छोड़ सकता।
- सभी पशुपालकों को अपने पशुओं को बाँधकर सुरक्षित स्थान पर रखने का अनिवार्य निर्देश है ताकि सार्वजनिक व्यवस्था और जन सुरक्षा बनी रहे।
⚖️ अनुचित व्यवहार की कानूनी खामियाँ
- यदि कोई पशुपालक इस आदेश का उल्लंघन करता है, तो उसे कठोर दण्ड और जुर्माना अधिनियमित होगा जैसे:
- BNS अधिनियम, 2023 (§163) के अंतर्गत 6 महीनों तक की जेल, भारी जुर्माना या दोनों।
- साथ ही पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 के तहत भी स्वतंत्र कानूनी कार्रवाई संभव है जहां पशु की अनदेखी या बेरहमी से देखभाल पर जुर्माना और जेल का प्रावधान है।
📋 प्रभाव और अपेक्षित लाभ
उद्देश्य | संभावित लाभ |
---|---|
ट्रैफिक सुरक्षा बढ़ाए | सड़क दुर्घटनाएं कम होंगी, वाहनों व पैदली यातायात में रुकावट कम होगी |
जनस्वास्थ्य एवं सार्वजनिक सुविधा सुरक्षित बनाएं | खुले पशुओं से उत्पन्न अव्यवस्था और गंदगी समाप्त होगी |
पशु कल्याण सुनिश्चित करें | पशु क्रूरता को रोका जाएगा, पशुओं को सुरक्षित वातावरण मिलेगा |
बिलासपुर जिला प्रशासन ने BNS अधिनियम 2023 की धारा 163 को प्रभावी कर यह स्पष्ट संदेश दिया है कि पशुपालक अब अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकेंगे। सार्वजनिक सुरक्षा, साफ-सफाई एवं ट्रैफिक व्यवधानों को रोकने के उद्देश्य से आदेश पारदर्शी और सख्त बनाया गया है। जो लोग इसे नजरअंदाज करेंगे, उन्हें कानूनी कार्रवाई एवं दंड की पूरी संभावना बनी हुई है।