श्री रामलला दर्शन योजना के अंतर्गत सरगुजा संभाग से 850 श्रद्धालुओं का जत्था अयोध्या धाम के लिए रवाना हुआ। नीचे इस आयोजन का विस्तृत विवरण प्रस्तुत है:

🚆 प्रमुख विवरण: सरगुजा संभाग यात्री जत्था
- श्री रामलला दर्शन योजना में सरगुजा संभाग से 850 श्रद्धालुओं को अयोध्या धाम जाने के लिए विशेष ट्रेन से रवाना किया गया है।
- यह दूसरा जत्था था जिसमें सर्वाधिक उत्साह और आस्था के साथ यात्रियों को शामिल किया गया।
🧠 योजना का उद्देश्य और महत्व
- यह यात्रा श्रीराम जन्मभूमि पर श्रद्धालुओं को दर्शन कराने के लिए विशेष रूप से निःशुल्क आयोजित की जाती है।
- यह सच्ची धार्मिक श्रद्धा के साथ-साथ सांस्कृतिक चेतना का प्रतीक माना जाता है, जिसमें मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय एवं राज्य सरकार ने आस्था के साथ प्रतिबद्धता दिखाई है ।
🚉 यात्रा व्यवस्था और फीचर्स
- यात्रा के लिए राज्य सरकार और IRCTC के बीच हुए एमओयू के तहत दिव्य दर्शन यात्रा की संपूर्ण व्यवस्था—यात्रा, आवास, भोजन और दर्शन शामिल हैं—निःशुल्क मुहैया कराई जाती है।
- पहली ट्रेन की शुरुआत 5 मार्च 2024 को रायपुर संभाग से हुई थी, और उसके बाद बिलासपुर, सरगुजा तथा दूर्ग-बस्तर संभागों से 27 विशेष ट्रेनें रवाना की जा चुकी हैं।
- इस योजना के तहत अब तक 22,000 से अधिक श्रद्धालुओं ने अयोध्या धाम का दर्शन किया है और ₹36 करोड़ का बजट वित्त वर्ष 2025‑26 के लिए निश्चित किया गया है ।
📊 धार्मिक एवं भावनात्मक प्रभाव
- श्रद्धालुओं में गहरी आस्था, उत्साह और धार्मिक भावना देखने को मिली है।
- ट्रेन में भजन–कीर्तन, लोकनृत्य, तिलक, और “जय श्रीराम” के उद्घोष से भावनात्मक वातावरण बना रहा।
- यात्रा को धार्मिक नहीं बल्कि सांस्कृतिक चेतना की यात्रा भी बताया गया है, जो बुजुर्ग, वंचित वर्ग को श्रीराम लला के दर्शन कराता है।
🧭 सारांश: यात्रा की विशेषताएँ
विशेषता | विवरण |
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जत्थे की संख्या | सरगुजा संभाग से 850 श्रद्धालु |
यात्रा व्यवस्था | विशेष ट्रेन, मुफ्त भोजन–आवास–दर्शन |
यात्रा की शुरुआत | 5 मार्च 2024 से नियमित साप्ताहिक ट्रेनों के माध्यम से |
कुल लाभार्थी संख्या | 22,000+ श्रद्धालु अब तक दर्शन कर चुके |
वित्तीय वर्ष बजट | ₹36 करोड़ (FY 2025‑26 हेतु) |
यात्रा का उद्देश्य | आस्था, सेवा, कल्याण, धार्मिक एवं सांस्कृतिक समावेशिता |
🎯 निष्कर्ष
सरगुजा संभाग से रवाना हुआ यह जत्था श्री रामलला दर्शन योजना की सफलता एवं विस्तार का प्रतीक है। योजना राज्यवासियों को निःशुल्क, सुरक्षित और सांस्कृतिक रूप से संवेदनशील यात्रा प्रदान करते हुए धार्मिक आस्था को एक राष्ट्र‑स्तरीय प्रतिबद्धता में बदल रही है।