- हाई कोर्ट ने Pandariya के ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर (BEO) के उस आदेश पर स्टे लगा दी है, जिसमें सरकार द्वारा headmaster से उनका incremented pay recover करने के आदेश दिए गए थे.
छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने Pandariya (कबीरधाम जिले) के ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर (BEO) के उस आदेश पर स्थगन (Stay) जारी किया है, जिसमें Girdharikapa सरकारी प्राथमिक स्कूल के प्रधानाध्यापिका संजय कुमार चंद्रवांशी से कथित रूप से incremented pay वापसी की मांग की गई थी।

⚖️ घटना का विवरण
- आदेश जारी करने की तिथि: BEO का वह आदेश 14 मई 2025 को जारी किया गया था। इसमें प्रधानाध्यापक संजय कुमार चंद्रवांशी से उनका वेतन वृद्धि (increment) वसूलने का निर्देश दिया गया था।
- उच्च न्यायालय का निर्णय: छत्तीसगढ़ HC ने उक्त आदेश पर अस्थायी रोक (stay) लगा दी है, जिससे अभी तक कोई recovery नहीं की जा सकती है।
📌 प्रमुख बिंदु
- आदेश का कारण: शिक्षा विभाग द्वारा आरोप लगाया गया कि प्रधानाध्यापिका को अनुचित रूप से अधिक increment दिया गया था, जिसे बाद में वापस लेने की प्रक्रिया की गई।
- HC की हस्तक्षेप: न्यायालय ने शिकायतकर्ता की सुनवाई पर पाया कि recovery का तरीका अनुचित हो सकता है और अभी तक सुनवाई पूरी नहीं हुई है, इसलिए रोक आवश्यक है।
- प्रभाव: आदेश के निष्पादन से पहले न्यायिक समीक्षा संभव हो सकेगी, जिससे प्रधानाध्यापिका को संभावित आर्थिक नुकसान से सुरक्षा मिलेगी।
🔍 व्यापक प्रसंग
- इससे पहले HC ने कई मामलों में Class III कर्मचारियों पर recovery नोटिस के खिलाफ refund सहित फैसला सुनाया है और सरकार को interest सहित राशि लौटाने का निर्देश भी दिया है।
📋 संक्षिप्त सारांश तालिका
विषय | विवरण |
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BEO आदेश तिथि | 14 मई 2025 |
आदेश का विषय | प्रधानाध्यापिका से वेतन वृद्धि (increment) वसूली |
HC की कार्रवाई | आदेश पर अस्थायी रोक (stay) |
प्रभाव | किसी भी recovery को रोके रखने और न्यायिक प्रक्रिया तक प्रतीक्षा |
पूर्व मिसाल | HC ने recovery पर रोक लगाने और refund आदेश देने वाले फैसले दिए थे |
🧭 निष्कर्ष
HC द्वारा यह स्टे आदेश यह सुनिश्चित करता है कि किसी सरकारी कर्मचारी के वेतन से जब तक न्यायिक निर्णय न हो, तब तक अनुचित recovery न हो। यह प्रभावशाली उदाहरण है कि न्यायपालिका संवैधानिक सुरक्षा के लिए सतर्क रहती है।