महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने अपने हालिया दंतेवाड़ा दो दिवसीय प्रवास के दौरान वहाँ के नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र का निरीक्षण किया। उन्होंने केंद्र में भर्ती ग्रामीण युवाओं से बातचीत करके उनकी पुनर्वास प्रक्रिया, देखभाल स्तर और इनकी पुनः सामाजिक मुख्यधारा में शामिल होने के प्रयासों की जानकारी ली।

🔍 निरीक्षण का विस्तृत विवरण
- मंत्री राजवाड़े ने केंद्र में भर्ती युवा से आमने-सामने संवाद स्थापित किया, जिसमें उन्होने यह जाना कि पुनर्वास की प्रक्रिया किस तरह हो रही है, स्वास्थ्य और मनोवैज्ञानिक देखभाल कैसी हो रही है, और आवास व्यवस्था कैसी है।
- उन्होंने यह भी समझा कि किस प्रकार युवक/युवतियों को सामाजिक और रोजगार संबंधी प्रशिक्षण प्रदान किए जा रहे हैं, ताकि वे पुनः समाज में आत्मनिर्भर होकर शामिल हो सकें।
📋 निरीक्षण का सारांश
श्रेणी | निरीक्षण बिंदु |
---|---|
स्थान | दंतेवाड़ा, नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र |
प्रमुख गतिविधि | भर्ती युवाओं से संवाद, पुनर्वास प्रक्रिया की जानकारी |
देखभाल पहलू | स्वास्थ्य, मानसिक स्वास्थ्य, प्रशिक्षण, आवास सुविधाएँ |
उद्देश्य | नशा मुक्ति के बाद जीवन स्तर सुधार एवं पुनः सामाजिक समावेशन |
🌟 महत्व और सकारात्मक पहल
- इस निरीक्षण से यह स्पष्ट हुआ कि राज्य सरकार नशा मुक्ति केंद्रों में दी जा रही सेवाओं—जैसे चिकित्सा सहायता, मनोवैज्ञानिक परामर्श और प्रशिक्षण—के प्रति गंभीर है।
- मंत्री राजवाड़े ने इस कार्यक्रम के माध्यम से ग्रामीण युवाओं की आवाज़ सुनी, जिससे यह समझना संभव हुआ कि पुनर्वास प्रक्रिया कितनी सफल है और कहाँ सुधार की आवश्यकता है।
- यह पहल सामाजिक समावेशन और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने वाली रही, क्योंकि पुनर्वास केंद्रों में दी जा रही सेवाओं का उद्देश्य नशा छुड़ाने के बाद जीवन को फिर से सामान्य और प्रेरणाप्रद बनाना है।
🧭 निष्कर्ष
श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े के कुपोषण एवं बाल कल्याण मंत्रालय की जिम्मेदारी से जुड़ी यह पहल मात्र निरीक्षण नहीं थी, बल्कि यह देखकर आना था कि दंतेवाड़ा जैसे संवेदनशील क्षेत्र में ग्रामीण युवाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक स्थिति के प्रति सरकार कितनी सक्रिय है। इस कदम ने पुनर्वास केंद्रों की कार्यक्षमत्ता और गुणवत्ता को सामने लाया है, साथ ही भविष्य में सुधारात्मक उपायों के लिए भी दिशा रेखांकित की।