मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पवित्र श्रावण मास के चौथे सोमवार के शुभ अवसर पर रायपुर के मुख्यमंत्री निवास कार्यालय से जशपुर जिले के कुनकुरी विकासखंड के मयाली में स्थित विश्व के सबसे बड़े प्राकृतिक शिवलिंग — मधेश्वर पहाड़ के समीप आयोजित दिव्य शिव महापुराण कथा के समापन समारोह को ऑनलाइन माध्यम से संबोधित किया। आइये विस्तार से जानते हैं:

🕉️ कार्यक्रम & अवसर
- यह समारोह श्रावण मास के चौथे सोमवार (सावन somwar) के उपलक्ष्य में आयोजित था। (सावन अक्सर जुलाई-अगस्त माह में पड़ता है)
- कार्यक्रम स्थल: जशपुर जिले का कुनकुरी विकासखंड, मयाली क्षेत्र, जहाँ प्राकृतिक रूप में स्थित है प्रसिद्ध मधेश्वर पहाड़, जिसे दुनिया का सबसे बड़ा प्राकृतिक शिवलिंग माना जाता है।
🧑💼 मुख्यमंत्री का संबोधन – मुख्य बिंदु
- श्रावण मास को शिव भक्तों के लिए अत्यंत शुभ और मंगलमय समय बताया, सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ दींX ।
- भगवान शिव की शक्तिशाली कृपा एवं आशीर्वाद की महत्ता पर प्रकाश डाला, कहा कि शिवलिंग जैसी प्राकृतिक शक्ति का दर्शन श्रद्धा व भक्ति से भरा अनुभव है।
- मधेश्वर पहाड़ को पर्यटन एवं धार्मिक दृष्टि से विकसित करने की संभावनाओं पर बल दिया, इसे राज्य में धार्मिक पर्यटन की नई पहचान के रूप में प्रस्तुत किया जा सकता है
- राज्य सरकार द्वारा योजनाओं के माध्यम से स्थानीय विकास को गति देने, धार्मिक व पौराणिक स्थलों को स्थानीय लोगों तक जोड़ने पर बल दिया।
🌄 मधेश्वर शिवलिंग — एक अनूठा स्थल
- मधेश्वर पहाड़, जिसे प्राकृतिक शिवलिंग के रूप में जाना जाता है, विश्व का सबसे बड़ा प्राकृतिक शिवलिंग माना जाता है।
- मुख्यमंत्री ने इसे छत्तीसगढ़ पर्यटन की एक अनमोल धरोहर बताया, जिसे आधुनिक रूप से विकसित कर धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के रूप में लोकप्रिय बनाया जा सकता है।
📌 सारांश तालिका
विषय | विवरण |
---|---|
सभापालन | मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने रायपुर से ऑनलाइन संबोधन |
पावन अवसर | श्रावण मास का चौथा सोमवार |
स्थान | जशपुर जिले, कुनकुरी विकासखंड (मयाली), मधेश्वर पहाड़ |
मुख्य संदेश | शिवभक्ति, प्रदेश के धार्मिक पर्यटन विकास की योजनाएँ, श्रद्धा तथा प्राकृतिक शक्ति का महत्त्व |
पर्यटन दृष्टिकोण | मधेश्वर को धार्मिक पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित करने की संभावनाएँ |