घटना का संक्षिप्त विवरण
- स्थान: दुर्ग जिले के बागडुमर गांव स्थित मदर टेरेसा इंग्लिश मीडियम स्कूल, नंदिनी थाना क्षेत्र।
- पीड़िता: लगभग 3½ वर्ष की नर्सरी छात्रा।
- दिनांक: घटना 30 जुलाई 2025 (बुधवार सुबह लगभग 7:30 बजे) को हुई जब बच्ची ने अभिवादन में “राधे‑राधे” कहा।

आरोप की प्रकृति:
- प्रिंसिपल Ila Evan Colvin ने बच्ची की कलाई पकड़कर थप्पड़ मारा, मुंह पर टेप चिपकाया (लगभग 15 मिनट तक) और लकड़ी की रॉड से कलाई पर वार किए, साथ ही उसे डांटा-ताना भी कहा गया।
🚨 पुलिस और कानूनी कार्रवाई
- बच्ची के पिता प्रवीण यादव ने घटना की जानकारी मिलने पर नंदिनी थाना में शिकायत दर्ज कराई।
- पुलिस ने प्रिंसिपल Ila Evan Colvin को गिरफ्तार कर लिया है।
- FIR के तहत आरोप लगे:
- BNS (भारतीय न्याय संहिता) की धारा 115(2) और 299 — चोट पहुंचाने व धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के प्रति।
- किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम 2015 की धारा 75 — बच्चों के प्रति क्रूरता से संबंधित।
- IPC की धारा 323, 506, 504 आदि भी लगाई गईं।
- बजरंग दल सहित हिंदू संगठनों ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन किया और सख्त कार्रवाई की मांग की ।
🛡️ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग का संज्ञान
- राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने स्वयं-क्रियान्वित संज्ञान लेते हुए इस प्रकरण की गंभीरता को मान्यता दी है ।
- आयोग ने स्कूल प्रबंधक और प्रिंसिपल को 14 अगस्त 2025 को आयोग में तलब किया है।
- जिला बाल संरक्षण अधिकारी, दुर्ग तथा नंदिनी थाना प्रभारी को भी बयान देने के लिए आयोग ने बुलाया है।
- आयोग की अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा ने स्पष्ट किया कि बच्ची का अभिवादन “राधे‑राधे” धार्मिक भावनाओं का अधिकार है, और इस तरह की क्रूरता किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 के अंतर्गत आती है।
- आयोग ने पीड़िता और उसके परिवार से मिलकर मौजूदा स्वास्थ्य रिपोर्ट और हालात पर प्रतिवेदन भी मांगा है ।
📊 सारांश तालिका
विषय | विवरण |
---|---|
स्थान | बागडुमर गांव, दुर्ग जिले; मदर टेरेसा इंग्लिश मीडियम स्कूल |
पीड़िता | लगभग 3½ वर्षीय नर्सरी छात्रा |
घटना का समय | 30 जुलाई 2025 सुबह ~7:30 बजे |
आरोप | “राधे‑राधे” कहने पर कलाई पकड़ना, थप्पड़, टेप लगाना, मारना |
अभियुक्त | प्रिंसिपल Ila Evan Colvin |
कानूनी धाराएँ | BNS 115(2), 299; JJA धारा 75; IPC 323, 506, 504 |
पुलिस कार्रवाई | शिकायत पर तत्काल गिरफ्तारी और FIR दर्ज |
आयोग की संज्ञान ली | स्कूल प्रबंधक व प्रिंसिपल को 14 अगस्त तलब |
अन्य बुलावे | जिला बाल संरक्षण अधिकारी व थाना प्रभारी की जानकारी |
आयोग की छानबीन | बच्चे की वर्तमान स्थिति पर रिपोर्ट, निष्पक्ष जांच की आश्वस्ति |
💡 निष्कर्ष
यह घटना न केवल एक मासूम बच्चे के साथ की गई अमानवीय सजा थी, बल्कि धार्मिक स्वतंत्रता और अभिवादन की भावनाओं का भी हनन करती है। सुरक्षा एवं संरक्षण की जिम्मेदारी निभाने वाले संस्थान द्वारा ऐसा दुर्व्यवहार निंदनीय है।
राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा त्वरित संज्ञान, स्कूल प्रबंधन और पुलिस अधिकारियों को तलब करना, और पीड़िता से जुड़ी रिपोर्ट मांगना इस प्रकरण की तात्कालिकता और गंभीरता के प्रति जवाबदेही की भावना दिखाता है।