छत्तीसगढ़ अब भारत के राज्यों में खनन के माध्यम से सबसे अधिक GSDP हिस्सा देने वाला राज्य बन गया है—9.38% की हिस्सेदारी के साथ।
हालांकि प्रकृति संरक्षण में भी राज्य मॉडल प्रस्तुत कर रहा है:
- 2025 में 68,362 हेक्टेयर का वनों का वृध्दि हुआ।
- खनन में केवल 0.47% वन भूमि प्रभावित हुई।
- ‘Ek Ped Maa Ke Naam’ अभियान में 2.5 करोड़ पौधे लगाने की योजना।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने खनन आय को ग्रामीण और पर्यावरण संरक्षण योजनाओं में पुनर्निवेश करने की बात कही है।

खनन क्षेत्र में छत्तीसगढ़ का दबदबा
📊 GSDP में खनन का योगदान:
- छत्तीसगढ़ अब भारत का अग्रणी राज्य बन गया है जहाँ राज्य सकल घरेलू उत्पाद (GSDP) में खनन क्षेत्र का सबसे बड़ा हिस्सा है।
- वर्ष 2025 में खनन का योगदान 9.38% रहा, जो राष्ट्रीय औसत से कहीं अधिक है।
यह छत्तीसगढ़ की खनिज संपन्नता और खनन गतिविधियों की उच्च दक्षता को दर्शाता है।
🌱 प्रकृति संरक्षण के प्रयास
राज्य सरकार केवल खनन पर ही नहीं, बल्कि पर्यावरण संतुलन पर भी ध्यान दे रही है:
✅ 2025 में उपलब्धियाँ:
- 68,362 हेक्टेयर क्षेत्र में वनों में वृद्धि दर्ज की गई।
- खनन से प्रभावित वन भूमि मात्र 0.47% रही – जो न्यूनतम प्रभाव को दर्शाता है।
🌳 ‘Ek Ped Maa Ke Naam’ अभियान:
- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में चलाया गया यह अभियान पर्यावरण चेतना और वृक्षारोपण को बढ़ावा देता है।
- इसके अंतर्गत 2.5 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य तय किया गया है।
🧑🌾 ग्रामीण और पर्यावरण योजनाओं में निवेश:
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने स्पष्ट रूप से कहा है कि:
खनन से प्राप्त राजस्व को ग्रामीण विकास, जल-संरक्षण, और पर्यावरणीय स्थिरता हेतु पुनः निवेश किया जाएगा।
इससे:
- ग्रामीणों को सड़कों, स्वास्थ्य और शिक्षा की बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।
- वनीकरण और जल संसाधन विकास को बढ़ावा मिलेगा।
🔁 खनन बनाम पर्यावरण – संतुलन का मॉडल:
छत्तीसगढ़ सरकार यह मॉडल प्रस्तुत कर रही है कि:
विकास और पर्यावरण संरक्षण साथ-साथ चल सकते हैं।
जहाँ एक ओर खनन राज्य की अर्थव्यवस्था को मज़बूत बना रहा है, वहीं दूसरी ओर
- न्यूनतम वन हानि,
- बड़े स्तर पर पौधरोपण,
- और ग्रीन इन्वेस्टमेंट राज्य को सस्टेनेबल डेवलपमेंट की दिशा में अग्रसर कर रहे हैं।
🔚 निष्कर्ष:
छत्तीसगढ़ का खनन और पर्यावरण नीति एक आदर्श उदाहरण बन रही है:
- आर्थिक मजबूती
- प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण
- सामाजिक विकास
यह राज्य खनिज आधारित विकास और हरित नीतियों के संतुलन की एक राष्ट्रीय प्रेरणा बन सकता है।