‘वोट अधिकार यात्रा’ के दौरान राहुल गांधी ने चुनाव आयोग (EC) पर तीखा हमला बोला, और उन्होंने ‘SIR’ (Special Intensive Revision) को आधुनिक प्रकार की वोट चोरी बताया। उन्होंने चेतावनी दी कि पूरे देश में चुनाव आयोग से जवाबदेही की मांग उठेगी।

राहुल गांधी ने ‘वोट चोरी’ के आरोप कैसे उठाए, उन्होंने SIR (Special Intensive Revision) को आधुनिक रूप में वोट चोरी क्यों बताया, और चुनाव आयोग (EC) ने किस तरह इस पर प्रतिक्रिया दी:
SIR पर राहुल गांधी का हमला
- “SIR” को आधुनिक वोट चोरी बताया
राहुल गांधी ने कहा कि चुनाव आयोग ने बिहार में SIR नामक एक “नया स्पेशल पैकेज” लाया है, जो वोटों की चोरी का आधुनिक तरीका है—बिल्कुल वैसे ही जैसे प्रधानमंत्री विशेष पैकेजों की बात करते हैं। उन्होंने इसे लोकतंत्र की आत्मा पर हमला बताया और चेतावनी दी कि जल्द ही पूरे देश में चुनाव आयोग से जवाबदेही की मांग उठेगी। - सरकार बनने पर EC में कार्रवाई की धमकी
उन्होंने साफ कहा कि अगर INDIA ब्लॉक सरकार बनता है, तो Chief Election Commissioner और दो अन्य चुनाव आयुक्तों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, “पूरा देश आपसे हलफनामा मांगेगा—हमें समय दीजिए, हम हर विधानसभा और लोकसभा सीट पर आपकी चोरी पकड़ेंगे।”
EC ने क्या जवाब दिया?
- अनुचित टिप्पणी पर आपत्ति जताई
Chief Election Commissioner Gyanesh Kumar ने राहुल गांधी की “वोट चोरी” की भाषा को संविधान का अपमान बताते हुए खारिज कर दिया और कहा कि SIR पूरी तरह से पारदर्शिता के साथ हो रहा है। उन्होंने विपक्ष से आग्रह किया कि अगर उनके पास साक्ष्य है, तो वे एक हलफनामा (affidavit) दें; अन्यथा आरोप बेनियाधार हैं। - दावे को डेटा में ‘मैनिपुलेशन’ बताया
CEC ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने EC का डेटा गलत तरीके से पेश कर यह आरोप लगाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि वोटर लिस्ट और वोटिंग प्रक्रिया दोनों अलग-अलग कानूनों से नियंत्रित होते हैं। अगर केवल नाम दो बार सूची में होने का मतलब वोट चोरी नहीं हो सकता। - वास्तविकता का दावा और डेटा की पारदर्शिता
चुनाव आयोग ने एक वीडियो जिसमें “वोट चोरी” का दावा किया गया था, उसे AI-जेनरेटेड और भ्रामक बताया। साथ ही बताया कि SIR प्रक्रिया में सबके शामिल होने से तैयार की गई लिस्ट में सभी पार्टियों के बूथ लेवल एजेंट शामिल थे, जिससे प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता से हुई।
विरोध और विधिक लड़ाई
- भारत सरकार पर चुनौती और SIR का विरोध
इंडिया ब्लॉक ने SIR को लेकर घोर असंतोष जताया—विधानसभा में CEC की महाभियोग की अपील तक की सोच विचार की गई, क्योंकि विपक्ष मानता था कि SIR गलत तरीके से चलाया जा रहा है। - सुप्रीम कोर्ट में SIR पर याचिका
SIR की प्रक्रिया के खिलाफ सार्वजनिक हित याचिका SC में चली, जिसमें न्यायालय ने EC को आदेश दिया कि 65 लाख से अधिक हटाए गए मतदाताओं की सूची और कारण प्रकाशित करे, और Aadhaar या EPIC स्वीकार किए जाएँ। कोर्ट ने यह रेकॉर्ड ऑफिस पर और ऑनलाइन सार्वजनिक करने का निर्देश दिया।
सारांश दृष्टिकोण
मुद्दा | विवरण |
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राहुल गांधी की मांग | SIR को वोट चोरी का आधुनिक रूप बताया; affidavit, जवाबदेही की अपील |
EC की प्रतिक्रिया | आरोपों को भ्रामक बताया; संतुलित प्रक्रिया का दावा; affidavit या साक्ष्य मांगे |
विरोध की तीव्रता | INDIA ब्लॉक के SIR विरोध, CEC महाभियोग की सोच |
न्यायिक दिशा | SC ने SIR में ट्रांसपेरेंसी बढ़ाने के निर्देश दिए, voter deletion सूची सार्वजनिक करने को कहा |