राहुल गांधी ने एक वायरल वीडियो के ज़रिए बिहार में बड़े पैमाने पर वोटर लिस्ट से नाम हटने का आरोप लगाया था। लेकिन चुनाव आयोग ने इस दावे को पूरी तरह खारिज कर दिया, क्योंकि वीडियो में दिखने वाले सुबोध कुमार ने आवश्यक औपचारिकताएं पूरी नहीं की थीं और जिला अधिकारी ने पुष्टि की कि वह मतदान केंद्र पर मौजूद थे।
राहुल गांधी द्वारा लगाए गए “वोट चोरी” के आरोप और उस पर चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया से जुड़ी है। आइए इसे विस्तार से समझते हैं:
🗳️ मामला क्या था?
- राहुल गांधी इन दिनों बिहार में अपनी “वोटर अधिकार यात्रा” निकाल रहे हैं।
- इसी दौरान उन्होंने एक वायरल वीडियो साझा किया था।
- वीडियो में एक युवक सुबोध कुमार नाम का व्यक्ति नजर आ रहा था, जिसने दावा किया था कि उसका नाम वोटर लिस्ट से हटा दिया गया है।
- राहुल गांधी ने इस वीडियो को शेयर करते हुए आरोप लगाया कि बिहार में बड़े पैमाने पर वोट चोरी और मतदाता सूची से नाम हटाने का षड्यंत्र किया जा रहा है।
- उनके इस बयान ने राजनीतिक हलचल मचा दी और विपक्षी गठबंधन (INDIA ब्लॉक) ने भी इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया।

🏛️ चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया
- चुनाव आयोग ने इस पूरे मामले पर संज्ञान लिया और जांच कराई।
- आयोग की जांच में सामने आया कि:
- सुबोध कुमार ने आवश्यक औपचारिकताएं पूरी नहीं की थीं (यानी जरूरी दस्तावेज़ या प्रक्रिया पूरी नहीं की गई थी)।
- जिला अधिकारी (DM) ने भी पुष्टि की कि सुबोध कुमार मतदान केंद्र पर मौजूद थे और वोट डालने का उनका अधिकार सुरक्षित था।
- इसलिए, आयोग ने कहा कि राहुल गांधी का “वोट चोरी” का दावा तथ्यहीन और भ्रामक है।
🔎 राजनीतिक पृष्ठभूमि
- राहुल गांधी और कांग्रेस लगातार चुनाव आयोग पर पक्षपात और गड़बड़ियों का आरोप लगाते रहे हैं।
- वहीं, आयोग ने बार-बार अपने निर्णयों को “निष्पक्ष और पारदर्शी” बताया है।
- बिहार जैसे बड़े राज्य में चुनाव से पहले ऐसे आरोप और जवाबी कार्रवाई माहौल को और गरमा रहे हैं।
📌 महत्व क्यों है?
- राहुल गांधी का अभियान – “वोट चोरी” का मुद्दा उनकी वोटर अधिकार यात्रा का केंद्रबिंदु है। आयोग की सफाई उनके नैरेटिव को चुनौती देती है।
- चुनाव आयोग की साख – विपक्ष लगातार आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठा रहा है। इस मामले में आयोग ने तेजी से फैक्ट-चेक कर अपनी स्थिति स्पष्ट की।
- राजनीतिक बहस – यह मामला आने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनावों से पहले बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन सकता है।
✅ निष्कर्ष:
राहुल गांधी ने वोट चोरी का आरोप लगाकर माहौल गरमाया, लेकिन चुनाव आयोग ने इसे गलत ठहराया और कहा कि मतदाता (सुबोध कुमार) का नाम सूची से नहीं हटाया गया था। यानी आयोग ने साफ कर दिया कि यह मामला “वोट चोरी” का नहीं बल्कि प्रक्रियात्मक औपचारिकताओं से जुड़ा था।