गणेश उत्सव को लेकर राजधानी रायपुर जिला प्रशासन ने विस्तृत गाइडलाइन जारी की है। इसका उद्देश्य उत्सव को सुरक्षित, व्यवस्थित और शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराना है। गाइडलाइन का पालन गणेश उत्सव समितियों और श्रद्धालुओं दोनों के लिए अनिवार्य होगा।

🎯 गाइडलाइन के मुख्य बिंदु :
🕙 ध्वनि विस्तारक यंत्र (DJ/साउंड सिस्टम)
- रात 10 बजे के बाद डीजे और लाउडस्पीकर पूरी तरह प्रतिबंधित रहेंगे।
- ध्वनि विस्तारक यंत्र का उपयोग केवल निर्धारित समय सीमा के भीतर ही होगा।
🛕 पंडाल व्यवस्था
- सड़क पर पंडाल लगाने से पहले प्रशासन से अनुमति लेना अनिवार्य होगा।
- हर पंडाल में CCTV कैमरा लगाना जरूरी है।
- समितियां स्वयंसेवक तैनात करेंगी और रात के समय विशेष निगरानी रखी जाएगी।
- पंडालों में लगे जनरेटर, वायरिंग और बिजली कनेक्शन सुरक्षित होने चाहिए।
👮♂️ प्रशासनिक और पुलिस निर्देश
- एडिशनल कलेक्टर उमाशंकर बंदे और एडिशनल एसपी लखन पटले ने समितियों की बैठक लेकर निर्देश दिए।
- सभी समितियों को एनजीटी (राष्ट्रीय हरित अधिकरण) के नियमों का पालन करना होगा।
- समितियों को अपने सदस्यों व स्वयंसेवकों की सूची संबंधित थाना प्रभारी को देनी होगी।
🚩 झांकी जुलूस और विसर्जन व्यवस्था
- झांकियां केवल निर्धारित रूट से ही निकलेंगी:
शारदा चौक – जयस्तंभ – मालवीय रोड – कोतवाली चौक – सदरबाजार – सत्तीबाजार – कंकालीपारा – पुरानी बस्ती थाना – लीलीचौक – लाखेनगर – रायपुरा – महादेवघाट। - शास्त्री चौक से जयस्तंभ चौक तक झांकी ले जाना प्रतिबंधित रहेगा।
- विसर्जन केवल महादेवघाट कुंड में ही होगा।
- झांकियों की ऊंचाई बिजली तारों से सुरक्षित दूरी पर रखी जाए।
👨👩👧 श्रद्धालुओं के लिए सावधानियां
- विसर्जन के समय छोटे बच्चों और बुजुर्गों को साथ लाने से बचें।
- झांकी और विसर्जन में भीड़ नियंत्रण के लिए समितियां विशेष व्यवस्था करेंगी।
✨ निष्कर्ष
प्रशासन की यह गाइडलाइन सुरक्षा, शांति और स्वच्छता को ध्यान में रखकर बनाई गई है। खासकर ध्वनि प्रदूषण, ट्रैफिक, बिजली सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण पर फोकस किया गया है। समितियों से अपेक्षा की गई है कि वे प्रशासन के साथ मिलकर सभी नियमों का पालन करें, ताकि उत्सव उल्लासमय और सुरक्षित माहौल में संपन्न हो।