छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले (Liquor Scam) और उसमें पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी से जुड़ी है। मैं आपको इसे विस्तार से और क्रमवार समझाता हूँ 👇
🔹 पृष्ठभूमि – शराब घोटाला क्या है?
- छत्तीसगढ़ में हुए शराब घोटाले की जांच ईडी (Enforcement Directorate) कर रही है।
- ईडी का आरोप है कि इस घोटाले से प्रदेश के खजाने को भारी नुकसान हुआ और करीब ₹2,500 करोड़ की अवैध कमाई (POC – Proceeds of Crime) अलग-अलग लोगों तक पहुंचाई गई।
- जांच एसीबी/ईओडब्ल्यू रायपुर की एफआईआर के आधार पर शुरू हुई थी, जिसमें IPC और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराएँ लगीं।
🔹 चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी
- ईडी ने 18 जुलाई (उनके जन्मदिन के दिन) भिलाई निवास से चैतन्य बघेल को PMLA, 2002 के तहत गिरफ्तार किया।
- ईडी के अनुसार,
- चैतन्य को ₹16.70 करोड़ नकद (POC) मिले थे।
- इस रकम को छुपाने के लिए उन्होंने अपनी रियल एस्टेट कंपनियों का उपयोग किया।
- रकम से ठेकेदारों को नकद भुगतान और बैंक एंट्रियों के जरिए सफेद किया गया।
- आरोप है कि उन्होंने व्यापारी त्रिलोक सिंह ढिल्लों के साथ मिलकर 5 करोड़ रुपये की अप्रत्यक्ष प्राप्ति भी की।
- उन पर शराब घोटाले से जुड़े ₹1000 करोड़ से अधिक POC के संचालन का भी आरोप है।

🔹 ईडी की हिरासत और पूछताछ
- शुरुआत में उन्हें न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया।
- बाद में ईडी ने कस्टोडियल रिमांड (सीधे अपनी हिरासत) मांगी।
- 19 अगस्त को विशेष अदालत ने 23 अगस्त तक की रिमांड मंजूर की।
- इस दौरान उनसे लगातार पूछताछ हो रही है और ईडी शराब सिंडिकेट से जुड़े पैसों का बैंकिंग ट्रेल खंगाल रही है।
🔹 भूपेश बघेल का मुलाक़ात करना
- पूर्व सीएम भूपेश बघेल रायपुर के सुभाष स्टेडियम स्थित ईडी ऑफिस में अपने बेटे से मिलने पहुंचे।
- इस दौरान परिवार के अन्य सदस्य – उनकी पत्नी, चैतन्य की पत्नी, बेटियां और नाती भी मौजूद रहे।
🔹 पहले से गिरफ्तार बड़े चेहरे
इस घोटाले में पहले ही कई बड़े नाम गिरफ़्त में आ चुके हैं –
- पूर्व IAS अनिल टुटेजा
- अरविंद सिंह
- कारोबारी त्रिलोक सिंह ढिल्लों
- रायपुर नगर निगम के पूर्व महापौर और कांग्रेस नेता अनवर ढेबर
- IAS अरुण पति त्रिपाठी (ITS)
- पूर्व मंत्री व वर्तमान विधायक कवासी लखमा
🔹 कानूनी लड़ाई
- चैतन्य ने अपनी गिरफ्तारी और हिरासत को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
- सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज कर कहा कि पहले हाई कोर्ट जाएं।
- इसके बाद उन्होंने बिलासपुर हाई कोर्ट में याचिका लगाई।
- हाई कोर्ट ने 12 अगस्त को ईडी को नोटिस जारी कर 26 अगस्त तक जवाब मांगा है।
- वकील ने कोर्ट को बताया कि जेल में चैतन्य को पीने के लिए साफ पानी तक नहीं मिल रहा, जिस पर कोर्ट ने जेल अधीक्षक को निर्देश दिए।
🔹 अगला कदम
- 23 अगस्त तक चैतन्य ईडी रिमांड पर रहेंगे।
- हाई कोर्ट में अगली सुनवाई 26 अगस्त को होगी।
- उसी दिन यह तय होगा कि ईडी की कार्रवाई पर अदालत आगे क्या कदम उठाती है।
👉 कुल मिलाकर, यह मामला छत्तीसगढ़ की राजनीति में बड़ा विवाद बन चुका है। एक ओर ईडी लगातार पूछताछ कर रही है और भारी-भरकम वित्तीय लेन-देन की परतें खोलने का दावा कर रही है, तो दूसरी ओर भूपेश बघेल का परिवार और कांग्रेस पार्टी इसे राजनीतिक प्रतिशोध बता रही है।