कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपनी ‘वोट अधिकार यात्रा’ के दौरान एक बार फिर केंद्र सरकार और चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाते नजर आए। उन्होंने कहा कि बीजेपी और चुनाव आयोग मिलकर देश में चुनावों में बड़े पैमाने पर धांधली और वोट चोरी कर रहे हैं।

राहुल गांधी ने दावा किया कि आने वाले 6 महीनों में वह ऐसे ठोस सबूत देश के सामने रखेंगे, जिससे यह साबित हो जाएगा कि चुनावों में व्यवस्थित तरीके से वोट चोरी की गई है। उनका कहना है कि यह “विकास का मॉडल” नहीं बल्कि “धोखाधड़ी का मॉडल” है, जिस पर भाजपा टिकी हुई है।
उन्होंने जनता से अपील की कि लोकतंत्र और संविधान को बचाने के लिए अब आवाज उठाना जरूरी है, क्योंकि यदि वोट ही सुरक्षित नहीं रहेंगे तो जनता की भागीदारी और अधिकार दोनों पर सवाल खड़े होंगे।
राहुल गांधी ने इस दौरान कहा –
👉 “मैं 6 महीने में सबूत दूंगा और यह दिखाऊंगा कि देश में लोकतंत्र की हत्या किस तरह से हो रही है।”
इस बयान के बाद सियासी हलचल तेज हो गई है। भाजपा ने इसे राहुल गांधी की “बेसिर-पैर की राजनीति” करार देते हुए कहा है कि चुनाव आयोग पूरी तरह स्वतंत्र है और कांग्रेस हार की वजह से बेबुनियाद आरोप लगा रही है। वहीं कांग्रेस नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी का यह मुद्दा देश की जनता के सामने वास्तविक सच उजागर करेगा।
👉 कुल मिलाकर, राहुल गांधी की यह घोषणा आगामी महीनों में भारतीय राजनीति में एक बड़ा विवाद और बहस का विषय बनने जा रही है।