राहुल गांधी ने ₹72,000 करोड़ की लागत वाली ग्रेट निकोबार परियोजना में वन अधिकार अधिनियम (FRA) का उल्लंघन होने का आरोप लगाया है। उन्होंने आदिवासी अधिकारों की रक्षा के प्रति सरकार की जवाबदेही बढ़ाने की मांग की है.
ग्रेट निकोबार परियोजना क्या है?
- केंद्र सरकार ने लगभग ₹72,000 करोड़ की मेगा परियोजना ग्रेट निकोबार द्वीप (अंडमान-निकोबार) पर शुरू की है।

- इसमें मुख्य रूप से शामिल हैं:
- डीप-सी पोर्ट (Deep Sea Port) – अंतरराष्ट्रीय स्तर का समुद्री बंदरगाह।
- अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा।
- पावर प्लांट और शहर बसावट (Township Development)।
- पर्यटन और रक्षा बुनियादी ढांचे का विस्तार।
- यह द्वीप रणनीतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हिंद महासागर और मलक्का स्ट्रेट के पास है, जो वैश्विक व्यापार का प्रमुख समुद्री मार्ग है।
📌 FRA (Forest Rights Act) और विवाद
- Forest Rights Act (FRA), 2006 का मकसद है कि आदिवासी और वन-आश्रित समुदायों के परंपरागत अधिकारों की रक्षा हो।
- इसके तहत:
- परियोजना शुरू करने से पहले ग्राम सभा की सहमति अनिवार्य है।
- आदिवासियों को उनके पारंपरिक जंगल, भूमि और संसाधनों पर अधिकार प्राप्त हैं।
- राहुल गांधी और विपक्ष का आरोप है कि ग्रेट निकोबार परियोजना में FRA की प्रक्रिया का उल्लंघन हुआ है।
- ग्राम सभाओं से सहमति जबरन या अपूर्ण तरीके से ली गई।
- आदिवासियों को पूरी जानकारी और विकल्प नहीं दिए गए।
- हजारों हेक्टेयर जंगल काटने का निर्णय स्थानीय समुदायों की राय के बिना किया गया।
📌 राहुल गांधी की आपत्तियाँ और मांगें
- राहुल गांधी ने कहा है कि यह परियोजना स्थानीय आदिवासी समाज (विशेषकर शोम्पेन और निकोबारी जनजाति) के जीवन और संस्कृति पर गहरा असर डालेगी।
- उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार कॉर्पोरेट और रणनीतिक हितों के लिए आदिवासियों के अधिकारों की अनदेखी कर रही है।
- उनकी मुख्य मांगें:
- परियोजना की कानूनी समीक्षा की जाए।
- FRA का सही पालन हो और ग्राम सभा की असली सहमति सुनिश्चित की जाए।
- पर्यावरणीय और सामाजिक प्रभाव आकलन (EIA & SIA) को पारदर्शी तरीके से किया जाए।
- आदिवासी समुदाय की सुरक्षा और उनके पुनर्वास का ठोस खाका तैयार हो।
📌 राजनीतिक और सामाजिक मायने
- राहुल गांधी इसे आदिवासी अधिकारों बनाम कॉर्पोरेट विकास मॉडल का मुद्दा बना रहे हैं।
- यह कांग्रेस की ओर से आदिवासी मतदाताओं को जोड़ने की रणनीति भी है, खासकर झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और उत्तर-पूर्व राज्यों में।
- यह विवाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा में है, क्योंकि निकोबार द्वीप रणनीतिक-रक्षा और पर्यावरणीय संवेदनशीलता दोनों के लिहाज से अहम है।
📌 निष्कर्ष
ग्रेट निकोबार परियोजना देश की सुरक्षा और आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मानी जा रही है, लेकिन राहुल गांधी और कई पर्यावरणविदों का कहना है कि यदि इसमें FRA और पर्यावरणीय मानकों का उल्लंघन हुआ तो यह आदिवासियों के अस्तित्व और पर्यावरणीय संतुलन दोनों के लिए खतरा बन सकता है।