हाल ही में छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में भारी बारिश के कारण भयंकर बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। बाढ़ की वजह से कई इलाके जलमग्न हो गए हैं, लोगों को घरबार छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा है, सड़कें बंद हो गई हैं, फसलें बर्बाद हुई हैं और लोगों को जीवनयापन में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
इस संकट के समय में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने तुरंत मदद का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार, एक पड़ोसी राज्य होने के नाते, छत्तीसगढ़ के साथ पूरी तरह खड़ी है।

✅ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा उठाए गए मुख्य कदम:
- 5 करोड़ रुपये की सहायता राशि – मुख्यमंत्री ने सीएम फंड से सीधे 5 करोड़ रुपये की सहायता राशि की घोषणा की है। यह राशि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य और पुनर्वास में खर्च की जाएगी।
- राहत सामग्री से लैस ट्रेन की रवाना – मध्य प्रदेश से विशेष ट्रेन तैयार की गई है, जिसमें जरूरी राहत सामग्री जैसे:
- खाद्य सामग्री (अनाज, पैकेज्ड फूड्स)
- साफ पानी के पैकेट
- प्राथमिक चिकित्सा किट्स
- गीले और सूखे कपड़े
- तंबू और गद्दे
को छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में भेजा जाएगा।
- आगे भी सहायता देने का आश्वासन – डॉ. मोहन यादव ने स्पष्ट किया कि यह एक प्राथमिक कदम है, लेकिन यदि स्थिति गंभीर बनी रहती है और आवश्यकता बढ़ती है तो मध्य प्रदेश सरकार छत्तीसगढ़ के लिए अतिरिक्त सहायता उपलब्ध कराने के लिए तत्पर रहेगी। यह एक आपसी सहयोग और भाईचारे का उदाहरण है।
🤝 मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ का सहयोगात्मक रिश्ता
यह पहल इस बात को दर्शाती है कि प्रदेशों के बीच आपदा के समय में सहयोग कितना महत्वपूर्ण होता है। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ दोनों ही विकासशील राज्य हैं, लेकिन संकट की इस घड़ी में एक-दूसरे की सहायता करना बहुत महत्वपूर्ण है। इससे यह भी संदेश जाता है कि राज्य सरकारें सिर्फ अपने ही नागरिकों के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लोगों की सहायता के लिए प्रतिबद्ध हैं।
⚡ सारांश:
- मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के लिए 5 करोड़ रुपये की सहायता राशि प्रदान की।
- राहत सामग्री से भरपूर एक ट्रेन रवाना की गई।
- यह मदद बाढ़ प्रभावितों के लिए राहत और पुनर्वास कार्य में महत्वपूर्ण योगदान देगी।
- आगे भी जरूरत पड़ने पर मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के बीच सहयोग जारी रहेगा।
यह कदम आपसी भाईचारा और संवेदनशीलता का प्रतीक बन रहा है।