आंकड़ों को सॉफ्टवेयर में अपलोड करने की विधि की दी गई जानकारी
जिले में चल रहे नक्शा प्रोजेक्ट के तहत नगर पालिक निगम अंबिकापुर में पांचवें दिन का प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न हुआ। इस अवसर पर एमपीएसईडीसी की टीम द्वारा प्रशिक्षणार्थियों को प्रयोग से प्राप्त आंकड़ों को सॉफ्टवेयर में अपलोड करने की विधि की जानकारी दी गई। चार दिनों तक विषय विशेषज्ञों द्वारा दिए गए प्रशिक्षण के उपरांत प्रतिभागियों की ऑनलाइन परीक्षा आयोजित कर उनकी क्षमता का परीक्षण किया गया, जिसमें सभी प्रशिक्षणार्थियों ने भाग लिया।

प्रशिक्षण के बाद प्रतिभागियों ने कहा कि वे नगर पालिक निगम अंबिकापुर क्षेत्र के लिए नवीन नक्शा तैयार कर त्रुटिरहित अधिकार अभिलेख बनाकर शासन एवं जिला प्रशासन की अपेक्षाओं पर खरा उतरेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि भूमि संबंधी समस्याओं व विसंगतियों के निराकरण हेतु वे पूरी निष्ठा और कर्मठता के साथ कार्य करेंगे।
सर्वे ऑफ इंडिया की टीम द्वारा पीजी कॉलेज मैदान में प्रशिक्षणार्थियों को फील्ड प्रशिक्षण दिया और मौके पर आने वाली तकनीकी समस्याओं का समाधान किया। प्रशिक्षण कक्ष में महापौर श्रीमती मंजूषा भगत, सभापति श्री हरमिंदर सिंह टिन्नी और पार्षदगण उपस्थित रहे। अमितेष स्वर्णकार जिला मास्टर ट्रेनर ने नक्शा प्रोजेक्ट की महत्ता सरगुजा के लिए अति उत्तम क्यों है,के संबंध में जानकारी दिये।
इस अवसर पर स्टेट मास्टर दीपचंद भारती राजस्व निरीक्षक भू अभिलेख शाखा धमतरी ने शासन की कार्ययोजना, प्रोजेक्ट का लक्ष्य, महत्व और लाभ विस्तार पूर्वक बताया। उन्होंने जीएनएसएस रोवर, इलेक्ट्रॉनिक टोटल स्टेशन, ड्रोन आदि आधुनिक उपकरणों की कार्यप्रणाली, परिशुद्धता और फील्ड उपयोग की विधियां समझाईं।
मास्टर ट्रेनर दीपचंद भारती ने प्रशिक्षणार्थियों एवं जनप्रतिनिधियों को अधिकार अभिलेखों के महत्व व भविष्य में उनके लाभ के संबंध में जानकारी दी। इस दौरान जनप्रतिनिधियों ने शहरी भूमि प्रबंधन, राजस्व अभिलेख संशोधन, राजीव गांधी आश्रय योजना (1998, 2001, 2002) और मुख्यमंत्री नगरीय आबादी पट्टा (2018) में अभिलेख में दर्ज विसंगतियों, शासकीय भवनों हेतु भूमि की अनुपलब्धता, तथा नालियों से गंदे पानी की निकासी में आने वाली समस्याओं जैसे प्रश्न पूछे, जिनका समाधान मास्टर ट्रेनर द्वारा विस्तार से किया गया।
महापौर श्रीमती मंजूषा भगत ने भूमि विवादों के निराकरण में नक्शा प्रोजेक्ट की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए पार्षदों से परियोजना को सफल बनाने हेतु जनभागीदारी सुनिश्चित करने की अपील की। उन्होंने यह भी कहा कि जिस प्रकार अंबिकापुर ने स्वच्छता के क्षेत्र में देशभर में पहचान बनाई है, उसी प्रकार यह प्रोजेक्ट भी शहर को नई पहचान देगा।
सभापति श्री हरमिंदर सिंह टिन्नी ने कहा कि शासन भू-अभिलेखों के आधुनिकीकरण की दिशा में कार्य कर रहा है और इस कदम से शहरी क्षेत्र के निवासियों की भूमि विवाद संबंधी समस्याओं का त्वरित समाधान होगा।
पार्षद आलोक दुबे ने राजस्व अभिलेखों की विसंगतियों के निराकरण पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के प्रति आभार व्यक्त किया।
अपर कलेक्टर श्री राम सिंह ठाकुर ने बताया कि नवीन तकनीक के प्रयोग से राजस्व अभिलेखों का निर्माण अधिक पारदर्शिता और परिशुद्धता के साथ किया जा सकेगा, जिससे शहरी क्षेत्र में निवासरत लोगों की भूमि संबंधी समस्याओं का निराकरण होगा।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिला पंचायत सीईओ श्री विनय कुमार अग्रवाल, तहसीलदार उमेश्वर बज, तहसीलदार नजूल श्रीमती स्मिता अग्रवाल, भू-अभिलेख अधीक्षक श्रीमती दीपिका दुबे,अधीक्षक भू-अभिलेख विजय जी, सर्वे ऑफ इंडिया के अधिकारी चंद्रहास ठाकुर और राकेश नागवंशी, एमपीएसईडीसी टीम के संदीप प्रजापति एवं राकेश मिश्रा सहित अनेक अधिकारी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन नक्शा मॉडल प्रभारी श्रीमती उषा नेताम ने किया और आभार प्रदर्शन श्रीमती दीपिका दुबे ने किया। इस अवसर पर नगर निगम प्रशासन की ओर से उपस्थित राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर्स को पुष्प, श्रीफल और साल की स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।