छत्तीसगढ़ सरकार की यह पहल राज्य के बस्तर क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करने और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने हेतु आयोजित की जा रही है। कार्यक्रम का आयोजन 11 सितंबर 2025 को किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में यह आयोजन बड़े पैमाने पर देश-विदेश के निवेशकों, उद्योगपतियों और स्थानीय उद्यमियों को एक मंच पर लाकर सहयोग और विकास को गति देगा।

🎯 मुख्य उद्देश्य:
- बस्तर क्षेत्र में निवेश संभावनाओं को बढ़ावा देना।
- स्थानीय युवाओं को कौशल, रोजगार और उद्यमिता के अवसर प्रदान करना।
- सामाजिक समावेशन को सुनिश्चित करना।
- क्षेत्रीय विकास को संतुलित व समावेशी बनाना।
- स्थानीय जनजातीय धरोहर और सांस्कृतिक पहचान का संरक्षण करना।
💡 महत्वपूर्ण पहलु:
✔️ औद्योगिक विकास नीति 2024–30 के तहत विशेष प्रोत्साहन:
- ₹1000 करोड़ से अधिक निवेश करने वाली या 1000+ रोजगार सृजित करने वाली परियोजनाओं के लिए विशेष लाभ।
- प्राथमिक क्षेत्र:
- औषधि निर्माण
- कृषि व खाद्य प्रसंस्करण
- वस्त्र उद्योग
- IT व डिजिटल टेक्नोलॉजी
- उन्नत इलेक्ट्रॉनिक्स
- एयरोस्पेस व डिफेंस
- ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स
- पर्यटन (होटल, इको-टूरिज़्म, एडवेंचर स्पोर्ट्स) → 45% सब्सिडी तक।
✔️ समावेशन प्रावधान:
- SC/ST उद्यमियों को अतिरिक्त 10% सब्सिडी।
- नक्सल प्रभावित परिवार/व्यक्तियों को अतिरिक्त 10% सब्सिडी।
- आत्मसमर्पित नक्सलियों को 5 वर्षों तक 40% वेतन सब्सिडी (₹5 लाख प्रतिवर्ष तक)।
- स्टील सेक्टर इकाइयों को 15 वर्षों तक रॉयल्टी रीइम्बर्समेंट।
📊 प्रभावित क्षेत्र:
- बस्तर के 88% ब्लॉक ग्रुप-3 श्रेणी में आते हैं → अधिकतम नीति लाभ।
- रोजगार, उद्यमिता और सामाजिक पुनर्वास को प्राथमिकता।
📅 कार्यक्रम का महत्व:
- देश-विदेश से 200+ निवेशकों का अपेक्षित सहभाग।
- कई महत्वपूर्ण MoUs पर हस्ताक्षर की संभावना।
- बस्तर को सतत विकास और समावेशी विकास का प्रतीक बनाना।
- सामाजिक एवं सांस्कृतिक संरचना के साथ गहरे संबंध बनाए रखना।
🌟 मुख्यमंत्री का दृष्टिकोण:
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने जोर दिया है कि यह नीति स्थानीय समुदाय को सशक्त बनाएगी, रोजगार के अवसर प्रदान करेगी, और निवेशकों के भरोसे को मजबूत करेगी। साथ ही, नीति से सामाजिक पुनर्वास और समावेशी विकास की प्रतिबद्धता जाहिर होती है।
✅ निष्कर्ष:
“बस्तर इन्वेस्टर कनेक्ट” छत्तीसगढ़ की विकास गाथा का एक ऐतिहासिक कदम है। यह योजना न केवल आर्थिक विकास को बल देगी, बल्कि सामाजिक न्याय, समावेशन, और क्षेत्रीय पहचान को भी संरक्षित रखते हुए सतत विकास सुनिश्चित करेगी।
👉 यह आयोजन बस्तर क्षेत्र को औद्योगिक, आर्थिक, सामाजिक व सांस्कृतिक दृष्टि से नई ऊँचाइयों पर ले जाने की दिशा में निर्णायक साबित होगा।