📍 स्थान: नारायणपुर, छत्तीसगढ़
📅 ताज़ा घटना: हाल ही में प्राप्त सूचना के अनुसार
👉 सुरक्षा बलों के लगातार अभियान और नवीन कैंप की स्थापना के कारण माओवादी संगठन की स्थिति कमजोर होती जा रही है।
इस प्रभाव में:
✅ कुल 12 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया।
✔️ इसमें 5 महिला नक्सली भी शामिल हैं।

💰 इनाम राशि
➡️ इन सभी आत्मसमर्पित नक्सलियों पर कुल ₹18 लाख का इनाम घोषित था।
🛡️ सुरक्षा बलों की भूमिका
इस बड़ी सफलता के दौरान विभिन्न सुरक्षा बलों की भागीदारी रही:
- BSF (Border Security Force)
- ITBP (Indo-Tibetan Border Police)
- स्थानीय पुलिस बल – विशेष रूप से नारायणपुर पुलिस।
सभी बल मिलकर माओवादी संगठन को पीछे हटाने के लिए निरंतर अभियान चला रहे हैं।
🌳 कारण और परिदृश्य
- अबूझमाड़ में लगातार नए कैंप स्थापित किए जा रहे हैं।
- नक्सल विरोधी अभियान तेज़ी से चलाए जा रहे हैं।
- माओवादियों पर दबाव बढ़ने से उन्हें आत्मसमर्पण की राह अपनानी पड़ी।
- यह कदम सुरक्षा बलों की सक्रियता व रणनीतिक कार्यवाही की सफलता का प्रतीक है।
✅ महत्वपूर्ण निहितार्थ
✔️ नक्सल संगठन कमजोर हो रहा है।
✔️ आत्मसमर्पण करने वाले माओवादी अब पुनर्वास प्रक्रिया का हिस्सा बनेंगे।
✔️ इससे छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद से मुक्ति की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति होगी।
✔️ समाज में शांति व विकास की संभावनाएं और मजबूत होंगी।
👉 सारांश में:
नारायणपुर में अबूझमाड़ क्षेत्र से कुल 12 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया, जिनमें 5 महिलाएं भी शामिल हैं। इन सभी पर ₹18 लाख का इनाम घोषित था। यह सफलता सुरक्षा बलों – BSF, ITBP, और स्थानीय पुलिस – की लगातार मेहनत और नवीन कैंप स्थापनाओं, नक्सल विरोधी अभियानों के चलते संभव हुई। आत्मसमर्पण से न केवल माओवादी संगठन की कमजोरी उजागर हुई, बल्कि प्रदेश में शांति एवं विकास के मार्ग को भी और प्रबल किया गया। यह कदम छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद मुक्त समाज की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जाएगा।