क्यों लिया गया यह फैसला?
पिछले कुछ सालों में दिल्ली मेट्रो सोशल मीडिया क्रिएटर्स के लिए एक हॉटस्पॉट बन गई थी। यात्री अक्सर कोच के अंदर नाचते, लिप-सिंक करते, रील शूट करते या स्टंट करते दिखाई देते थे।
- कई वीडियो वायरल भी हुए, लेकिन इससे अन्य यात्रियों को परेशानी, असुविधा और असुरक्षा की स्थिति झेलनी पड़ी।
- कुछ मामलों में यात्रियों ने सीटों पर बैठकर वीडियो बनाए, खाना खाया या तेज़ आवाज़ में गाने बजाए, जिससे मेट्रो का अनुशासन बिगड़ गया।
- अप्रैल 2025 में एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें एक यात्री को ट्रेन के अंदर शराब पीते और उबला अंडा खाते देखा गया।
- ऐसे घटनाक्रमों ने DMRC को कड़े कदम उठाने के लिए मजबूर कर दिया।

नए नियम और कार्रवाई
- 14 सितंबर से DMRC ने विशेष मुहिम शुरू की है।
- अब ट्रेन में रील बनाना, डांस करना या कोई भी कंटेंट शूट करना प्रतिबंधित है।
- नियमों के उल्लंघन पर जुर्माना लगाया जाएगा।
- यात्रियों को हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में नियमित घोषणाएँ सुनाई जाएंगी।
- यह कदम यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
कानूनी प्रावधान
- भले ही मेट्रो रेलवे अधिनियम 2002 में सीधे “रील बनाने” का जिक्र नहीं है, लेकिन “यात्रियों को असुविधा” या “अव्यवस्था पैदा करने” वाले प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जा सकती है।
- यानी यदि कोई कंटेंट क्रिएटर पकड़ा जाता है, तो उसे जुर्माना देना पड़ेगा।
DMRC का तर्क
DMRC के प्रधान कार्यकारी निदेशक (कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन) अनुज दयाल ने कहा:
- “हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि किसी की वीडियो शूटिंग के कारण दूसरे यात्रियों को परेशानी न हो।”
- DMRC ने यात्रियों से अपील की है कि वे अपने फोन पर तेज़ आवाज़ में संगीत भी न बजाएँ।
यात्रियों पर असर
- यह कदम सामान्य यात्रियों के लिए राहत लेकर आएगा, जिन्हें अक्सर ऐसे कंटेंट क्रिएटर्स की वजह से असुविधा झेलनी पड़ती थी।
- अब मेट्रो का सफर पहले की तरह आरामदायक, सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने पर फोकस होगा।
👉 कुल मिलाकर, यह फैसला एक तरह से दिल्ली मेट्रो को उसके मूल स्वरूप – यात्रियों की सुविधा और सुरक्षित यात्रा – पर वापस ले जाने की कोशिश है।
