- लद्दाख में हाल ही में जमकर विरोध-प्रदर्शन हुए जो शांतिपूर्ण नहीं रहे — प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़पें हुईं।
- प्रदर्शन के दौरान BJP कार्यालय को आग लगाने की घटना हुई।
- प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाज़ी की, पुलिस ने आंसू गैस छोड़ी और लाठीचार्ज किया गया।
- इस दौरान कम से कम चार लोगों की मौत हुई और लगभग 50 लोग घायल हुए।
- सरकार की ओर से नियमावली (प्रतिबंध आदेश / curfew) लागू की गयी है, सार्वजनिक कार्यक्रमों को रद्द किया गया है।
- यह विरोध प्रदर्शन “Statehood for Ladakh” (लद्दाख को राज्य बनाने की मांग) और इसे भारतीय संविधान की “Sixth Schedule” में शामिल करने की मांगों को लेकर हैं।
“Japan जैसा हुआ” — क्या मतलब हो सकता है?
आपका “Japan जैसा हुआ” कहने का आशय शायद “एक बड़ी चौकाने वाली घटना”, “आश्चर्यजनक हिंसा / अशांति” या “विदेश में जैसा कुछ हुआ हो, उसी तरह कुछ Leh में हुआ हो” — इस तरह की घटनाओं — से है। अगर उसी तरह की कोई घटना जापान में हाल ही में हुई हो और आप तुलना करना चाह रहे हैं, तो मैं उदाहरण दे सकता हूँ:
- जापान में कभी-कभी बड़े सामाजिक विरोध-प्रदर्शन, प्राकृतिक आपदाएँ या स्व-निर्देशित सांस्कृतिक अशांति होती है।
- यदि आप जापान की किसी खास घटना का संदर्भ दे सकें — जैसे ताइफून, भूकंप, नागरिक विद्रोह, राजनीतिक आंदोलन — तो मैं उस घटना और Leh की इस घटना के बीच तुलना कर सकता हूँ।
24–25 सितंबर 2025 को लेह में राज्य-दर्जे (statehood) और छठी अनुसूची (Sixth Schedule) की माँग को लेकर चल रहे आंदोलन अचानक हिंसक हो गए: भीड़ ने कई गाड़ियों और स्थानीय BJP कार्यालय को आग लगाई, पुलिस/पैरामिलिट्री और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुईं, पुलिस ने नियंत्रण के लिए आंसू गैस/लाठीचार्ज के साथ गोलीबारी भी की — आधिकारिक/प्रमुख मीडिया रिपोर्टों के अनुसार कम से कम चार लोग मरे और दर्जन-दरजन घायल हुए; कर्फ्यू तथा व्यापक सुरक्षा प्रतिबंध लागू किए गए। पृष्ठभूमि — यह आंदोलन किस लिए था (मुख्य माँगें)
- लद्दाख के स्थानीय समूह (Leh Apex Body, Kargil Democratic Alliance आदि) वर्षों से मांग कर रहे हैं: लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा, छठी अनुसूची के तहत संवैधानिक सुरक्षा, स्थानीय नौकरियों/आरक्षण के नियम, लोक-सेवा आयोग (Ladakh PSC) और अलग-अलग लोकसभा सीटें। ये माँगें 2019 के बाद तेज हुईं जब जम्मू-कश्मीर का पुनर्गठन हुआ और लद्दाख को सीधे केंद्र शासित क्षेत्र बनाया गया।

क्या ट्रिगर बना — लड़ाई अचानक क्यों भड़क उठी
- प्रमुख ट्रिगर था सोनम वांगचुक का अनशन (सरकारी प्रेस-रिलीज के अनुसार अनशन 10 सितंबर 2025 से शुरू हुआ)। अनशन के दौरान कई हफ्तों तक बातचीत/मुलाकातें चलीं, पर जब अनशनकर्ताओं में से दो लोग 23 सितंबर को बीमार होकर अस्पताल में भर्ती हुए, तो युवा-वर्ग और LAB के यूथ विंग ने 24 सितंबर को लेह बंद/प्रदर्शन का आह्वान किया — उसमें कुछ समूह हिंसक हो गए। बाद में वांगचुक ने हिंसा के बाद अपना अनशन तोड़ दिया और शांति की अपील की।
24–25 सितम्बर — घटना-क्रम (timeline — संक्षेप में)
- 10 सितंबर 2025 — सोनम वांगचुक का अनशन शुरू (सरकारी सूचना)।
- 23 सितंबर 2025 — अनशनकर्ताओं में से कुछ की तबियत बिगड़ी; अस्पताल में भर्ती। (स्थानीय रिपोर्ट्स)।
- 24 सितंबर 2025 — LAB-युवा बंद/शटडाउन के दौरान भारी भीड़ निकली; कुछ समूहों ने पत्थरबाज़ी, आगजनी और सरकारी/पार्टी कार्यालयों के खिलाफ हिंसा की। BJP का स्थानीय कार्यालय और कम से कम एक पुलिस/पैरामिलिट्री वाहन जलाया गया। सुरक्षा बलों ने आंसू गैस और लाठीचार्ज के साथ तथा रिपोर्ट्स के अनुसार फायरिंग की घटना भी सामने आई।
- 24–25 सितंबर 2025 — प्रशासन ने कर्फ्यू / सार्वजनिक सभा-प्रतिबंध लागू किया; दर्जनों गिरफ्तारियाँ और कई घायल — कुछ रिपोर्टों में 4 हताहत और कई दर्जन घायल बताए गए। वांगचुक ने अपना अनशन समाप्त किया और शांति का आह्वान किया। अगले दौर की बातचीत के लिए केन्द्र-स्थानीय वार्ता की तिथियाँ भी रखी जा रही थीं।
हताहत-घायल और सुरक्षा-कार्रवाई (आंकड़े)
- प्रमुख न्यूज़ एजेंसियों/अंतर्राष्ट्रीय मीडिया के अनुसार: 4 लोगों की मौत (कुछ मीडिया ने शुरुआती लेखों में 4–5 का रेंज दिया), 50–100 के बीच घायल/आहत (संख्या स्रोत के अनुसार अलग-अलग बताई गई)। सुरक्षा बलों ने कड़े प्रतिबंध लगाए और संवेदनशील जगहों पर अतिरिक्त तैनाती की।
आरोप-प्रत्यारोप और राजनीतिक बयान
- सरकार / गृह मंत्रालय ने कहा कि हिंसा कुछ तत्वों द्वारा भड़काई गई थी और आंशिक रूप से वांगचुक के कथित बयानों को वजह बताया गया। (MHA का रुख और प्रशासनिक आरोप)।
- सोनम वांगचुक ने हिंसा के बाद अनशन तोड़ते हुए लोगों से शांति की अपील की और कहा कि युवा-गुस्सा उबाल में आया — उन्होंने कहा कि उनका मकसद हिंसा नहीं था।
- राजनीतिक पार्टियाँ (कांग्रेस, AAP, नेशनल कॉन्फ्रेंस आदि) ने भी केंद्र/स्थानीय प्रशासन पर सवाल उठाए और मुआवजे/तफ्तीश की माँग की; BJP ने कई जगह कांग्रेस/वाम दलों पर दोषारोप लगाया। सार्वजनिक बयान तीखे रहे।
जांचें और कानूनी पहलू
- हिंसा के साथ-साथ कुछ रिपोर्ट्स में यह भी है कि केंद्र-संबंधित एजेंसियों (CBI) ने वांगचुक द्वारा स्थापित संस्थाओं पर FCRA/विदेशी योगदान संबंधी शिकायतों की जांच बारे एक प्रारंभिक जांच/इनक्वायरी शुरू की है — यह मामला अलग-अलग रिपोर्टों में चल रहा है और सरकारी बयान भी आया था कि कुछ संस्थाओं पर जांच चल रही है। इस तरह की जांच राजनीतिक रूप से संवेदनशील हो सकती है।
प्रशासनिक कदम — कर्फ्यू/प्रतिबंध/अदालत-आदेश
- प्रशासन ने लेह में भीड़-जमा करने पर पाबंदी (BNSS/Section 163 जैसी व्यवस्थाओं के तहत) और कर्फ्यू लागू किया; त्योहार/सामाजिक-आयोजन रद्द किए गए और सुरक्षा बढ़ा दी गई। अदालत/उच्च पदस्थ अधिकारी मामलो की निगरानी कर रहे हैं — आगे की कानूनी कार्रवाई की खबरें आ सकती हैं।
क्या वजहें गहरी हैं — बड़े कारण (context)
- 2019 में हुए रीऑर्गनाइज़ेशन के बाद स्थानीयों में बढ़ी असुरक्षा: ज़मीन/पर्यावरणीय दबाव, सेना-पारामीलिट्री की बढ़ती मौजूदगी, पर्यटन-अनुकूल विकास के कारण स्थानीय अर्थव्यवस्था/रोज़गार का दबाव और राज्य-स्तरीय राजनीतिक प्रतिनिधित्व की कमी — ये सब वर्षों से टकराव के मूल कारण रहे हैं। युवा वर्ग (Gen-Z) का अलग-थलग महसूस और बीच-बीच में अग्रेसिव retweets/viral content भी माहौल को तेज कर देता है।
क्या आगे देखने लायक है (What to watch next)
- सरकारी जांच-रिपोर्ट — पुलिस फायरिंग/हताहत पर कौन-सी रिपोर्ट आती है (निष्पक्ष जांच की माँग तेज होगी)।
- CBI / MHA की कार्रवाई — FCRA/अन्य जांचों का विस्तार या एफआईआर-प्रक्रिया।
- केंद्र-प्रदेश वार्ता की तिथियाँ और नतीजे — सरकारी वार्ता (जो खबरों में Oct 6 जैसे संदर्भ के साथ आ रही थी) का कोई परिणाम निकलेगा या नहीं।
- स्थानीय राजनीति-प्रतिक्रिया — युवा आंदोलन का आगे का स्वरूप (शांत vs फिर हिंसक) और चुनावी/राजनीतिक रेखांकन।
तेज़-तथ्य (Quick facts) — स्रोतों के साथ
- हिंसा की सीमा: 4 मौतें (प्रमुख एजेंसियाँ: Reuters / AP / Hindustan Times)।
- मुख्य ट्रिगर: सोनम वांगचुक का अनशन (शुरुआत 10-सितंबर) और अस्पताल में अनशनकर्ताओं का बिगड़ना।
- आगजनी: BJP का स्थानीय कार्यालय और कुछ पुलिस वाहन जले/नष्ट हुए।
- प्रशासनिक कदम: कर्फ्यू/जमा होने पर पाबंदी; कई गिरफ्तारियाँ/नियंत्रण।
