छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले के कसडोल थाना क्षेत्र के ग्राम देवरीकला में दशहरा उत्सव के दौरान खूनी वारदात हो गई। शनिवार रात चाकूबाजी की घटना में दो नाबालिग बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए, जिसके बाद क्षेत्र में तनाव का माहौल है।
घटना के बाद रविवार को देवरीखुर्द गांव के सैकड़ों ग्रामीण कसडोल थाने पहुंचे और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए थाने परिसर में धरना दिया।

मामला क्या है:
मिली जानकारी के अनुसार, देवरीकला गांव में दशहरा कार्यक्रम के दौरान विवाद के बीच सरपंच बालेश्वर वैष्णव, उनके भाई दिलेश्वर वैष्णव और अन्य साथियों ने देवरीखुर्द गांव के एक नाबालिग बच्चे पर चाकू से हमला कर दिया।
ग्रामीणों का आरोप है कि इस दौरान पीड़ितों के साथ जातिसूचक गालियां भी दी गईं।
इस घटना में दो नाबालिग बच्चे — मुकेश सोनवानी और कन्हैया रात्रे — गंभीर रूप से घायल हुए हैं। दोनों को पहले सीएचसी कसडोल में भर्ती कराया गया, जहां से एक को गंभीर हालत में जिला अस्पताल रेफर किया गया।
ग्रामीणों की मांग:
गांववालों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने केवल साधारण धाराओं में मामला दर्ज किया है, जबकि यह घटना जानलेवा हमले (धारा 307) और SC/ST एक्ट के तहत दर्ज की जानी चाहिए।
ग्रामीणों ने कसडोल थाने में प्रदर्शन करते हुए कहा —
“हम तब तक शांत नहीं बैठेंगे जब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होती। ये सिर्फ मारपीट नहीं, जातिगत अपमान और जान से मारने की कोशिश है।”
थाना प्रभारी ने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि जांच पूरी होने के बाद उचित धाराएं जोड़ी जाएंगी, और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
