प्रदेश किसान मोर्चा, प्रदेश किसान संघ और छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा ने पर्यावरणविद् सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी का कड़ा विरोध किया है। संगठनों ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपते हुए मांग की है कि सोनम वांगचुक को तत्काल रिहा किया जाए।
किसान संगठनों ने कहा कि सोनम वांगचुक एक देशभक्त, वैज्ञानिक और पर्यावरण प्रेमी व्यक्ति हैं, जिन्होंने लद्दाख के कठिन इलाकों में जीवन और पर्यावरण सुधार के लिए कई नवाचार किए — जैसे बर्फ के पानी को पीने योग्य बनाने की तकनीक और सेना को ठंड से बचाने के लिए विशेष मशीनें विकसित कीं।

संगठनों का आरोप:
किसान मोर्चा और छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा ने केंद्र सरकार पर एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि
“सरकार ने एनएसए का गलत उपयोग करते हुए सोनम वांगचुक को गिरफ्तार किया है, जबकि उनका अपराध केवल लद्दाख के लोगों की आवाज उठाना है।”
संगठनों की मांगें:
ज्ञापन में निम्नलिखित प्रमुख मांगें की गईं —
सोनम वांगचुक की तत्काल रिहाई की जाए।
लद्दाख को अलग राज्य का दर्जा प्रदान किया जाए।
लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल किया जाए।
केंद्र सरकार पर्यावरण संरक्षण और स्थानीय लोगों के हक की आवाज को दबाने की बजाय उसे सहयोग दे।
किसान संघों ने चेतावनी दी है कि यदि मांगें जल्द नहीं मानी गईं, तो देशभर में बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
