भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) एक प्लेटफ़ॉर्म विकसित कर रहा है जो उधारकर्ताओं द्वारा खरीदी गई मोबाइल फोनों को डिफ़ॉल्ट होने पर लॉक कर सकेगा। यह कदम डिजिटल लोन की सुरक्षा बढ़ाने और गैर-निष्पादित संपत्तियों (NPAs) को कम करने के लिए उठाया गया है
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) एक नया प्लेटफ़ॉर्म विकसित कर रहा है जो उन मोबाइल फोनों को लॉक कर सकेगा जिन्हें डिजिटल लोन या ईएमआई के माध्यम से खरीदा गया है, यदि उधारकर्ता लोन का भुगतान नहीं करता है। यह कदम डिजिटल लोन सुरक्षा बढ़ाने और NPAs (Non-Performing Assets) कम करने के लिए उठाया गया है।

1️⃣ प्लेटफ़ॉर्म का उद्देश्य
- डिजिटल लोन बाजार में बढ़ती धोखाधड़ी और डिफ़ॉल्ट मामलों को नियंत्रित करना।
- उधारकर्ताओं द्वारा मोबाइल फोन खरीदने के बाद अवैतनिक भुगतान (default) होने पर फोन को लॉक करना।
- लोन प्रदाताओं और बैंकों को यह सुनिश्चित करना कि डिफ़ॉल्ट होने पर मूल्यवान मोबाइल डिवाइस का दुरुपयोग न हो।
2️⃣ काम करने का तरीका (Expected Mechanism)
- रजिस्ट्रेशन: जब कोई ग्राहक बैंक या NBFC से डिजिटल लोन पर मोबाइल खरीदता है, तो फोन की IMEI नंबर और लोन डेटा RBI के प्लेटफ़ॉर्म में रजिस्टर्ड होंगे।
- डिफ़ॉल्ट अलर्ट: यदि ग्राहक EMI या लोन का भुगतान नहीं करता है, तो प्लेटफ़ॉर्म बैंक/एनबीएफसी को तुरंत अलर्ट भेजेगा।
- रिमोट लॉक: प्लेटफ़ॉर्म फोन के IMEI को लॉक करने की सुविधा देगा। यानी फोन उपयोग नहीं किया जा सकेगा जब तक कि लोन का बकाया न चुकाया जाए।
- फीडबैक लूप: जैसे ही भुगतान नियमित होता है, फोन अनलॉक किया जा सकेगा।
3️⃣ लाभ और महत्व
- NPAs में कमी: मोबाइल के माध्यम से ऋण लेने वाले ग्राहकों का डिफ़ॉल्ट दर कम होगा।
- सुरक्षा बढ़ाना: डिजिटल लोन धोखाधड़ी, जैसे फर्जी लोन या फोन फ्लिपिंग, को रोकना।
- बैंक और NBFC की सुरक्षा: लोन प्रदाताओं के लिए अतिरिक्त सुरक्षा उपाय।
- ग्राहक जागरूकता: ग्राहक भी अपने ऋण की जिम्मेदारी को गंभीरता से लेंगे।
4️⃣ वर्तमान स्थिति और भविष्य
- RBI ने अभी तक पायलट चरण या डेवलपमेंट की जानकारी साझा की है।
- अगले 6–12 महीनों में इसे राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने की संभावना है।
- यह कदम भारत में डिजिटल वित्त और मोबाइल-आधारित खरीददारी के तेजी से बढ़ते बाजार को सुरक्षित बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।
