🗓️ तारीख: 9 अक्टूबर 2025, गुरुवार
📍 स्थान: विद्युत सेवा सदन (मुख्यालय), डगनिया, रायपुर
🏢 आयोजक: छत्तीसगढ़ विद्युत संविदा कर्मचारी संघ
🔹 आंदोलन की पृष्ठभूमि
- यह आंदोलन छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड (CSPDCL) और अन्य पॉवर कंपनियों में कार्यरत संविदा (Contractual) कर्मचारियों द्वारा किया जा रहा है।
- संघ ने प्रबंधन पर आरोप लगाया है कि कई बार लिखित आश्वासन देने के बाद भी नियमितीकरण और वेतन-संबंधी वादे पूरे नहीं किए गए।
- कर्मचारियों का कहना है कि सरकार और पॉवर कंपनी की “दमनकारी नीति” के कारण संविदा कर्मियों के हितों की अनदेखी हो रही है।
- यह आंदोलन तीसरे चरण का हिस्सा है। पहले दो चरणों में जिला स्तर पर धरना और चेतावनी प्रदर्शन किए जा चुके हैं।

✊ 9 अक्टूबर का कार्यक्रम
- प्रदेशभर से हजारों संविदा कर्मचारी रायपुर पहुंचेंगे।
- सुबह से ही डगनिया स्थित विद्युत सेवा सदन के बाहर गेट मीटिंग और प्रदर्शन रैली निकाली जाएगी।
- आंदोलन का नेतृत्व छत्तीसगढ़ विद्युत संविदा कर्मचारी संघ के पदाधिकारी करेंगे।
- कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि यदि मांगें नहीं मानी गईं, तो आंदोलन अनिश्चितकालीन हड़ताल का रूप ले सकता है।
📋 चार सूत्रीय प्रमुख मांगें
1️⃣ नियमितीकरण (Regularization)
- पॉवर कंपनी में वर्षों से कार्यरत संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जाए।
- कई कर्मचारी 10-15 साल से कार्यरत हैं, लेकिन उन्हें स्थायी दर्जा नहीं मिला।
2️⃣ मृत्यु पर मुआवजा और अनुकंपा नियुक्ति
- कार्यस्थल पर विद्युत दुर्घटना से या सामान्य मृत्यु होने पर
→ ₹25 लाख मुआवजा राशि दी जाए।
→ मृतक कर्मचारी के परिवार के एक सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति दी जाए।
3️⃣ भत्ते और वेतन वृद्धि
- संविदा कर्मचारियों को वर्तमान एकमुश्त वेतन के अलावा
→ महंगाई भत्ता (DA)
→ मकान किराया भत्ता (HRA)
प्रदान किया जाए।
4️⃣ राष्ट्रीय अवकाश पर ड्यूटी का भुगतान
- राष्ट्रीय अवकाश के दिन ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों को डबल पेमेंट (Overtime) मिले।
- साथ ही, पिछले वर्षों में की गई अवकाश ड्यूटी का भुगतान अलग से किया जाए।
🧾 कर्मचारियों की दलील
- संविदा कर्मचारी बिजली आपूर्ति, लाइनमेन, मीटर रीडिंग, मेंटेनेंस और शिकायत निवारण जैसी मूलभूत सेवाओं की रीढ़ हैं।
- इसके बावजूद उन्हें स्थायी कर्मचारियों की तुलना में बहुत कम वेतन और सुरक्षा दी जा रही है।
- कई बार विद्युत हादसों में कर्मियों की मृत्यु के बाद भी उचित मुआवजा नहीं मिला है।
🗣️ संघ का रुख
“हमने बार-बार प्रबंधन और सरकार को ज्ञापन दिए, पर केवल आश्वासन मिला। अब प्रदेश के सभी विद्युत संविदा कर्मचारी रायपुर में इकट्ठा होकर अपनी ताकत दिखाएंगे।”
— छत्तीसगढ़ विद्युत संविदा कर्मचारी संघ (प्रवक्ता)
⚠️ सरकार और प्रबंधन की प्रतिक्रिया (अब तक)
- पॉवर कंपनी प्रबंधन ने कहा है कि मामले पर विचार चल रहा है, और सरकार से नीति स्तर पर निर्णय अपेक्षित है।
- हालांकि, कर्मचारियों का कहना है कि “सिर्फ़ विचार” से नहीं, ठोस आदेश और अधिसूचना चाहिए।
📍 स्थिति का महत्व
- छत्तीसगढ़ में लगभग 15,000 से अधिक संविदा विद्युत कर्मचारी विभिन्न कंपनियों में कार्यरत हैं।
- यदि आंदोलन व्यापक हुआ, तो राज्यभर में बिजली सेवा प्रभावित हो सकती है।
